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Notification banning import of Salman Rushdies book The Satanic Verses does not exist Authority failed to trace ANN


Delhi High Court On Salman Rushdie Book: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय ब्रिटिश उपन्यासकार सलमान रुश्दी के उपन्यास “द सैटेनिक वर्सेज” के आयात पर प्रतिबंध लगाने के तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का निस्तारण कर दिया है. अदालत ने कहा कि चूंकि अधिकारी संबंधित नोटिफिकेशन पेश करने में विफल रहे हैं, इसलिए यह माना जाना चाहिए कि यह नोटिफिकेशन मौजूद ही नहीं है.

जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस सौरभ बनर्जी की बेंच ने कहा कि याचिका, जोकि साल 2019 से लंबित थी, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम बोर्ड के अधिकारी 2019 में याचिका दायर किए जाने के बाद से अधिसूचना पेश नहीं कर सके. अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हमारे पास यह मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है कि ऐसी कोई अधिसूचना मौजूद नहीं है. इसलिए हम इसकी वैधता की जांच नहीं कर सकते और याचिका को निरर्थक मानकर उसका निपटारा नहीं कर सकते.”

रुश्दी की पुस्तक “द सैटेनिक वर्सेज” आयात पर लगा था प्रतिबंध 

केंद्र ने 1988 में कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए रुश्दी की पुस्तक “द सैटेनिक वर्सेज” के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. याचिकाकर्ता संदीपन खान के वकील ने कहा कि अधिसूचना न तो किसी वेबसाइट पर उपलब्ध है और न ही यह संबंधित अधिकारी के पास उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि प्रतिवादी अधिकारी भी अदालत के सामने अधिसूचना पेश करने या दाखिल करने में असमर्थ थे. 

1988 की अधिसूचना पेश नहीं कर सका कोई प्रतिवादी

अदालत ने अपने आदेश में कहा, “कोई भी प्रतिवादी 5 अक्टूबर 1988 की अधिसूचना पेश नहीं कर सका. अधिसूचना के कथित लेखक ने भी वर्तमान याचिका के लंबित रहने के दौरान, इसके 2019 में दायर होने के बाद से, अधिसूचना की प्रति पेश करने में अपनी असमर्थता जताई है.”

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