Nirmala Sitharaman On Belagavi Woman Assault No Nyay For SC ST In Congress Government
Nirmala Sitharaman on Belagavi Incident: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेलगावी में एक महिला को बिना कपडों के घुमाने और मारपीट करने के मामले को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में एससी और एसटी को न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. एक्स पर पोस्ट करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कर्नाटक के बेलगावी में वैसी ही घटना घटी जैसी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रहते दलितों के साथ अत्याचार हो रहे थे.”
निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए पिछड़ा समुदाय महज एक वोट बैंक है. इसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घटना स्थल का दौरा करने के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया. इसमें सांसद अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, लॉकेट चटर्जी, रंजीता कोली और बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं. कमेटी को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है.
‘कांग्रेस सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध’
बेलगावी घटना पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, “घटना की जानकारी होते ही कांग्रेस सरकार पूरी तरह से एक्शन में आ गई. हमने सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया है. कानून अपनी कार्रवाई करेगा. किसी को बचाने का सवाल ही नहीं है. कांग्रेस सरकार इस देश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.”
वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने भी इस मामले को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.
In @INCIndia there is no ‘nyay’ for the SCs and STs. The recent incident in Belgavi, Karnataka falls in the same category as those repeated atrocities against the Dalits seen till recently in Congress-ruled Rajasthan and Chhattisgarh. For Congress the downtrodden are just a… pic.twitter.com/TT3r3ayhnQ
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) December 15, 2023
हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
बेलगावी के वंतामुरी गांव में 11 दिसंबर को पीड़ित महिला का बेटा उसी समुदाय की एक लड़की के साथ भाग गया था. इसके बाद उस महिला को बिना कपड़ों के घुमाया गया और फिर बिजली के खंभे से बांधकर मारपीट की गई. इस मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने 12 दिसंबर को स्वत: संज्ञान लिया था. हाई कोर्ट ने कर्नाटक पुलिस को जल्द से जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए.