News

NIA raid in seven states 17 places regarding Bengaluru prison radicalisation case


NIA Raid In Radicalisation Case: लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी द्वारा बेंगलुरु की जेल में कैदियों को कट्टरपंथी बनाने से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जांच का दायरा बढ़ाते हुये मंगलवार (5 मार्च) को सात राज्यों के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी .

एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, गुजरात और पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों पर की गई छापेमारी के दौरान नकदी के साथ-साथ कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए.

चार्जशीट दाखिल कर चुकी है NIA

जनवरी में एनआईए ने मामले में आठ लोगों के खिलाफ  चार्जशीट दायर किया था. इसमें शामिल आरोपियों में केरल के कन्नूर का टी नसीर, जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान शामिल है . नसीर 2013 से बेंगलुरु केंद्रीय कारा में है और आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि जेडी और सलमान खान के विदेश भाग जाने का संदेह है.

बेंगलुरु शहर पुलिस ने पिछले साल 18 जुलाई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी, इससे पहले पुलिस ने सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन और 45 कारतूस बरामद किया था. मामले में सात आरोपियों को हिरासत में लिया गया था जिनके पास से चार वाकी-टाकी भी बरामद हुआ था.

छापेमारी में बरामद हुई ये चीजें

NIA के प्रवक्ता ने कहा कि आज सुबह सात राज्यों में छापेमारी के दौरान उन्होंने 25 मोबाइल फोन, छह लैपटॉप और चार स्टोरेज डिवाइस, विभिन्न देशों के मुद्रा नोटों के अलावा आपत्तिजनक दस्तावेज और नकदी बरामद की गयी.

उन्होंने कहा कि कर्नाटक के नवीद, सैयद खैल और बिज्जू, पश्चिम बंगाल के मयूर चक्रवर्ती, पंजाब के नवजोत सिंह, गुजरात के हार्दिक कुमार और करण कुमार, केरल के जॉनसन और मुस्ताक अहमद साथीकली, मुबीथ एवं हसन तथा तमिलनाडु के अल बासम के परिसरों में व्यापक छापेमारी की गयी . अधिकारी ने बताया कि जांच से पता चला है कि भगोड़ों ने लश्कर की गतिविधियों को बढ़ावा देने और गुमनाम रूप से अलग-अलग लोगों तक धन पहुंचाने के लिये देश भर में लोगों का एक नेटवर्क स्थापित किया था.

जेल में कैदियों को बना रहे थे कट्टरपंथी 

मामले की जांच अक्टूबर 2023 में संभालने वाली एनआईए के अनुसार, जांच से पता चला कि कई विस्फोट मामलों में शामिल नसीर अन्य आरोपियों के संपर्क में आया था, जब वे सभी 2017 में बेंगलुरु जेल में बंद थे. नसीर उन सभी की क्षमता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद उन्हें कट्टरपंथी बनाने और प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर में भर्ती करने के उद्देश्य से अपने बैरक में स्थानांतरित कराने में कामयाब रहा था.

अधिकारी ने कहा, एजेंसी ने कहा था कि वह पहले लश्कर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए अहमद और खान को कट्टरपंथी बनाने तथा और भर्ती करने में कामयाब रहा . उसके बाद, उसने अहमद के साथ अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी संगठन में भर्ती करने की साजिश रची.’

अधिकारी ने कहा कि उसने ‘फिदायीन’ (आत्मघाती) हमले को अंजाम देने और नसीर को अदालत के रास्ते में पुलिस हिरासत से भागने में मदद करने की साजिश के तहत खान के साथ दूसरों को हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी टॉकी पहुंचाने की भी साजिश रची थी. अहमद ने अपने सह-आरोपियों को हमले के लिए इस्तेमाल की गई पुलिस कैप चुराने और अभ्यास के तौर पर सरकारी बसों में आगजनी करने का भी निर्देश दिया. पिछले साल जुलाई में हथियार जब्त कर साजिश को नाकाम कर दिया गया था .

ये भी पढ़ें:Lok Sabha Election: 4% वोट, पूर्वांचल की 18 सीटों पर पकड़..  NDA के लिए क्यों जरूरी हैं ओपी राजभर?



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *