NIA Is Preparing For Major Action Against Khalistani Terrorists, Property Of 19 Fugitives Will Be Confiscated – NIA की खालिस्तानी आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, 19 भगोड़ों की संपत्ति होगी जब्त
नई दिल्ली :
खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू पर बड़ी कार्रवाई के एक दिन बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, दुबई, पाकिस्तान और अन्य देशों में रह रहे 19 भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादियों की एक सूची तैयार की है. सूत्रों ने कहा है कि इन आतंकियों की संपत्तियां भी जब्त की जा सकती हैं. सुरक्षा एजेंसियां वर्षों से इनकी तलाश कर रही हैं.
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इन आतंकियों पर सख्त आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत कार्रवाई की जाएगी. इन आतंकियों पर विदेश से भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने का आरोप है.
एनआईए की लिस्ट में ब्रिटेन में छिपे परमजीत सिंह पम्मा, पाकिस्तान में वाधवा सिंह बब्बर उर्फ चाचा, ब्रिटेन में कुलवंत सिंह मुथरा, अमेरिका में जय धालीवाल, ब्रिटेन में सुखपाल सिंह, अमेरिका में हरप्रीत सिंह उर्फ राणा सिंह, ब्रिटेन में सरबजीत सिंह बेन्नूर,ब्रिटेन में कुलवंत सिंह उर्फ कांता, कैलिफोर्निया (अमेरिका) में हरजाप सिंह उर्फ जप्पी सिंह, लाहौर (पाकिस्तान) में रणजीत सिंह नीटा, गुरुमीत सिंह उर्फ बग्गा उर्फ बाबा, ब्रिटेन में गुरप्रीत सिंह उर्फ बाघी, दुबई में जसमीत सिंह हकीमजादा, ऑस्ट्रेलिया में गुरजंत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह रोडे यूरोप और कनाडा में, अमरदीप सिंह पूरेवाल कैलिफोर्निया (अमेरिका) में, जतिंदर सिंह ग्रेवाल कनाडा में, दुपिंदर जीत ब्रिटेन में और एस हिम्मत सिंह न्यूयॉर्क (अमेरिका) का नाम है.
एनआईए ने शनिवार को पंजाब के चंडीगढ़ में पन्नू का घर जब्त कर लिया. अमृतसर में उसके स्वामित्व वाली जमीन भी जब्त कर ली गई. पंजाब में राजद्रोह के तीन मामलों सहित 22 आपराधिक मामलों का सामना करने वाले पन्नू ने हाल ही में भारतीय-कनाडाई हिंदुओं को देश छोड़ने और भारत लौटने की धमकी दी थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर राजनयिक विवाद पैदा होने के कुछ दिनों बाद यह बड़ी कार्रवाई हुई है.
ये आतंकवादी पंजाब और भारत के कई पड़ोसी इलाकों को अलग करके धर्म आधारित एक अलग राज्य बनाने की वकालत करते हैं, जिसे ‘खालिस्तान’ के नाम से जाना जाए. सिख फॉर जस्टिस ने कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में “पंजाब इंडिपेंडेंस रेफरेंडम” भी आयोजित किया है. भारत सरकार ने तथाकथित जनमत संग्रह को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया है और कनाडा सरकार से इसके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
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