NIA Files chargesheet in london high commission attack case makes british citizen Inderpal Gaba accused
NIA chargesheet on Inderpal Gaba: ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग पर 2023 में हुए हिंसक हमलों की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कार्रवाई की है. एनआईए ने ने गुरुवार (5 सितंबर) को इस घटना में शामिल मुख्य आरोपी इंद्रपाल सिंह गाबा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के हाउंस्लो में रहने वाले इंद्रपाल को भारतीय उच्चायोग पर प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारियों में से एक आरोपी बनाया गया है. जहां गाबा को एनआईए ने पिछले साल 19 और 22 मार्च को खालिस्तानी एजेंडे के तहत पिछले साल 22 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के सामने हुए भारत विरोधी विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लिया था. जिसे एजेंसी ने इस साल 25 अप्रैल को राजधानी से गिरफ्तार किया था.
खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग में की थी तोड़फोड़
एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, 22 मार्च, 2023 को 2,000 से ज़्यादा खालिस्तानी समर्थकों ने उच्चायोग की इमारतों में तोड़फोड़ की, स्याही समेत कई चीजे फेंकी ताकि उसे खराब किया जा सके. हालांकि, उससे तीन दिन पहले, एक भीड़ ने हमले में भारतीय ध्वज को नीचे गिरा दिया था, जिसमें दूतावास के कुछ कर्मचारी घायल हो गए थे. कथित तौर पर यह हमला ब्रिटेन स्थित खालिस्तान लिबरेशन फ़ोर्स (केएलएफ) के नेता अवतार सिंह खांडा ने किया था, जिसकी बाद में पिछले साल जून में ब्रिटेन के एक अस्पताल में मौत हो गई थी.
अटारी बार्डर पर इंद्रपाल सिंह गाबा की हुई थी गिरफ्तारी
खालिस्तानी समर्थक इंद्रपाल सिंह गाबा को लुकआउट सर्कुलर के आधार पर दिसंबर 2023 में अटारी सीमा पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने लंदन से पाकिस्तान के रास्ते आने पर हिरासत में लिया था. एनआईए के अनुसार, उसके खिलाफ जांच शुरू की गई थी और गाबा को जांच जारी रहने तक देश नहीं छोड़ने के लिए कहा गया था. एनआईए ने कहा कि उसने उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया था और “घटना के कई आपत्तिजनक वीडियो/फोटो सहित डेटा का ब्यौरा जुटाया था, जिसके बाद घटना में उसकी संलिप्तता स्थापित की थी.”
अमृतपाल की गिरफ्तारी के विरोध में भारतीय उच्चायोग पर किया अटैक
एनआईए के अनुसार, ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमले पंजाब पुलिस द्वारा कट्टरपंथी सिख उपदेशक और वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई के विरोध में किए गए थे. सिंह को पंजाब पुलिस ने करीब एक महीने बाद गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी एनआईए ने कहा कि भारतीय उच्चायोग पर हिंसक हमले का उद्देश्य भारत से पंजाब राज्य को अलग करके खालिस्तान के मुद्दे को आगे बढ़ाना और उसे हासिल करना था.