NDTV Election Carnival: Ravi Shankar Prasad Said- Why Should People Not Come On The Streets On Ram Navami? I Am Against This Thinking – NDTV Election Carnival: पटना की दोनों सीटों पर क्या है वोटर्स का मूड? रविशंकर प्रसाद ने राबड़ी देवी का नाम लेकर केजरीवाल पर साधा निशाना
इलेक्टोरल बॉन्ड पर अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि जिन-जिन कंपनियों ने गड़बड़ की, उन्हीं कंपनियों से इलेक्टोरल फंड से पैसा ले लिया बीजेपी ने? इस सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने वाले केजरीवाल जी जेल में हैं. रोज उनकी याचिका रिजेक्ट हो रही है. क्या मतलब है इसका? जेल के अंदर हैं लेकिन जेल से ही शासन करेंगे. राबड़ी देवी से काफी प्रभावित लग रहे हैं. जिस तरह से उनकी पत्नी आजकल टीवी पर दिखाई पड़ रही हैं.. वही होने वाला है. यह भी हो ही जाए. अन्ना हजारे के शिष्य इतनी बड़ी-बड़ी बात, यहां तक चले आए.. लोकतंत्र सिर्फ कानून से नहीं चलता है. लोकतंत्र लोक लाज से भी चलता है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, जहां आप मुझसे बात कर रहे हैं, यह है मोरेलो कॉम्पलेक्स. यहां दुकानें हैं, लोग यहां खाने के लिए भी आते हैं. यह पटना का मिनी कनाट प्लेस है. उन्होंने कहा कि मैं भले ही पार्टी का वरिष्ठ कार्यकर्ता हूं राष्ट्रीयस्तर पर, लेकिन मैं पटना में मैं एक कार्यकर्ता ही रहता हूं. लोगों से मिलता हूं, हंसता हूं, वे मुझसे लड़ते हैं, मैं उनसे लड़ता हूं. मिलकर काम करते हैं. तो मेरा एकदम अनौपचारिक आचरण पटना में रहता है. प्रसाद ने कहा कि हमने शत्रुघ्न सिन्हा को हमने लगभग 2 लाख 90 हजार वोटों से हराया था. यह मेरी जीत नहीं, पटना की जनता की जीत थी, कार्यकर्ताओं की जीत थी.
दो-तीन बार जो सांसद जीत जाते हैं उनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी होती है, क्या यह फैक्टर है आपके खिलाफ? सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, बहुत सर्वे हुए हैं, जहां तक मेरी जानकारी है, हर सर्वे में मेरा परफार्मेंस बहुत अच्छा माना गया है. अगर कुछ लोग नाराज हैं, मैं उनसे जाकर मिलूंगा. वे हमारे हैं और मैं उनका हूं. तो कुछ प्यार की बात होगी, कुछ नोंकझोंक की बात होगी. मैं कभी भी अव्यवहारिक बात नहीं करता.
उन्होंने कहा कि, मैं विधायक था, मंत्री बना, पटना बाढ़ में डूब गया, आठ-नौ फीट पानी आ गया. मैं उदयपुर में था, कार्यकर्ता ने फोन किया तो भागा-भागा आया. मैंने कहा अगले साल से पटना में बारिश होगी, लेकिन पानी जमेगा नहीं. मैं खुद नालों की सफाई करता हूं मानीटरिंग करता हूं. आज पानी पड़ता है, निकल जाता है. फिर कोरोना आ गया. कोरोना में खाना-पिलाना, लोगों ने काम किया, मैंने भी बढ़चढ़कर काम किया. मैं पूरी ड्रेस पहनकर पीएमसीएच, एनएमसीएच के कोरोना वार्ड में गया था, डॉक्टरों की सलाह के खिलाफ. मैं देखना चाहता था कि व्यवस्था कैसी है. कोरोना के टीकाकरण का सबसे मैसेज मोबाइल पर आया था. देश के टेलिकॉम का काम मैं ही देख रहा था. स्वास्थ्य विभाग से कोआर्डिनेट करके 220 करोड़ टीके लगे और सारी सूचनाएं मोबाइल पर गईं.
प्रसाद ने कहा कि, पटना में प्रदेश सरकार के कोआर्डिनेशन से मेट्रो मैं ले आया. पटना में अटल पथ जो बना है, उसके लिए रेलवे जमीन नहीं छोड़ रही थी, उसे छुड़वाया. हवाई अड्डा बन रहा है. महात्मा गांधी सेतु दोबारा बन गया. अभी 1000 करोड़ की एलिवेटेड सड़क बनवा रहा हूं. उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय स्तर पर तीन तलाक, राम लला के वकील, मोदी जी के सिपाही, डिजिटल इंडिया… यह सब काम तो किया ही, पटना के लिए भी काम किया.
जनता में से एक व्यक्ति ने कहा कि पटना में वकीलों के बैठने की व्यवस्था नहीं थी, वह भी इन्होंने कराई है. एक व्यक्ति ने कहा कि यहां केंद्र के प्रोजेक्ट आ जाते हैं, लेकिन उनमें देरी होती है. एक्जीक्यूशन तेजी से नहीं हो पाता. इस बारे में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, बिहार में आप जानते हो पॉलिटिकल सिचुएशन, कभी इधर, कभी उधर..मैं लड़ता रहता हूं, काम कराता रहता हूं. आज मुझे खुशी है कि नीतीश बाबू ने कहा है कि मैं अब कभी मोदी जी से अलग नहीं जाऊंगा. और मोदी जी ने एक बहुत बड़ी बात कही है, बिहार के विकास के बिना देश का विकास नहीं होगा. अभी मोदी जी आए थे, औरंगाबाद, बेगूसराय और बेतिया गए. 85 हजार करोड़ की योजनाएं, या तो उद्घाटन किया, या शिलान्यास किया. आगे और करेंगे. मैं हूं न आपका सिपाही, और कराऊंगा, निश्चिंत रहिए. मैंने पटना के ग्रामीण इलाकों में 149 सड़कें बनवाई हैं.
एक श्रोता ने सवाल पूछा की पटना साहिब में गाय घाट से दरगाह वाला एरिया जो मिल रहा है, वहां न कभी रोड बना, न कभी नाला का पटवार हुआ. 23 साल से वहां विधायक भी और सांसद भी बीजेपी का रहा, लेकिन कोई विकास नहीं. इस पर प्रसाद ने कहा कि, अटल पथ से गंगा पथ से दीदारगंज तक सड़क जा रही है. उसी इलाके की बात कर रहे हैं. उनकी अगर कोई कमजोरी है तो मैं बैठकर देखूंगा. यह जो आगे गंगा पथ बन रहा है, यह कैसे बन रहा है, लगे हैं , तभी तो बन रहा है.
रामनवमी का त्योहार जैसे ही आता है, बीजेपी बहुत सक्रिय हो जाती है. आज से कुछ वर्षों पहले तक इतनी बड़ी शोभा यात्राएं नहीं निकलती थीं. उसका राजनीतिकरण नहीं होता था. विपक्ष आरोप लगाता है कि आप राम के बहाने, रामनवमी के बहाने वोटों का ध्रुवीकरण करते हैं? सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, जिनको प्रभु राम के मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर निमंत्रण मिला था, वे गए थे क्या? वही आरोप लगाते हैं. क्यों नहीं गए, वोट बैंक के कारण. प्रभु राम की रामनवमी में जनता सड़कों पर आती है तो इसमें क्या परशानी है. क्यों नहीं आना चाहिए? मैं इस सोच की खिलाफत करता हूं. जो विरोध करते हैं उनको बता दूं कि धारा 370 (आर्टिकल 370) के हटने के बाद अब कश्मीर के लाल चौक पर भी रामनवमी का जुलूस निकलता है कि नहीं. मैं उनसे कहूंगा जिनको परेशानी पटना से है, वे चले जाएं श्रीनगर.
ममता बनर्जी कहती हैं कि बीजेपी रामनवमी को माहौल विषैला बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं. पथराव हो जाता है, आगजनी हो जाती है, गोली चल जाती है. इस बारे में सवाल पर प्रसाद ने कहा कि, पथराव होता है, गोली चल जाती है, या यह करवाए जाते हैं. ममता जी का मैं बहुत सम्मान करता हूं , लेकिन वोट बैंक के कारण उन्होंने जो बंगाल का हाल किया है. उसके लिए मैं उनकी भर्त्सना करता हूं. ईद पर वे मंच से कह रही थीं, शांत रहना दंगा करवाया जाएगा. क्या मतलब है इसका. यह ठीक नहीं है. यह देश हिंदुओं का भी है, मुसलमानों का भी है. क्रिश्चियन का भी है. लेकिन वोट बैंक की राजनीति के कारण… तीन तलाक का किसने विरोध किया था. मैं था कानून मंत्री. तीन तलाक का विरोध लालू प्रसाद ने किया था, तेजस्वी ने किया था, ममता जी ने किया था, सोनिया जी ने किया था. पाकिस्तान में तीन तलाक बैन है, बांग्लादेश में बैन है, अफगानिस्तान में बैन है, जार्डन में बैन है, मलेशिया में, इंडोनेशिया में बैन है, हिंदुस्तान में नहीं… वोट बैंक की पॉलिटिक्स. पटना में तीन तलाक की पीड़ित महिलाएं मुझे बहुत एप्रिशिएट करती हैं.
जब सीएए के रूल फ्रेम किए गए तो सिर्फ हिंदुओं को आने की इजाजत है, और इस बात पर पॉलिटकल पार्टियों से लेकर मुस्लिमों तक सबका विरोध है? इस पर पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि, सीएए कानून का हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई रिश्ता नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ हिंदू, सिख, पारसी और क्रिश्चियन, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में पीड़ित हैं, अपनी आस्था के कारण, उनको भारत में आने का स्थान देता है. सीएए का हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई संबंध नहीं है.
इलेक्शन से पहले सीएए के रूल्स फ्रेम किए गए, राम मंदिर का उद्घाटन भी हुआ क्या यह चुनाव इन मसलों पर जनमत संग्रह है? सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि, सीएए का कानून चार साल पहले पारित हुआ था, अब रूल्स बने हैं. राम लला स्थापित होने के लिए 500 साल से परेशान थे. किसी चुनाव से इसका मतलब नहीं है. प्रभु राम वहां बैठे हैं, इस देश की अपेक्षा से.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, योगी जी का मॉडल.. प्रभावी शासन क्या होता है, योगी जी ने उसका एक परिचय दिया है. मैं भी स्वीकारूंगा कि 2005 से 2010 जब नीतीश जी की सरकार थी हम लोगों के साथ तो यहां बहुत प्रभावी रूप से काम हुआ था.