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NCERT Book Row Love Jihad Remarks in Baba Bageshwar Dham Video


Dhirendra shastri on MP NCERT controversy: कक्षा 3 की एनसीईआरटी की किताब में एक पाठ को लेकर हाल ही में विवाद खड़ा हो गया है. इस पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथावाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का बयान सामने आया है. उन्होंने इस मामले को ‘लव जेहाद’ से जोड़ते हुए कहा है कि यह “लव जेहाद का नया एंगल” है.

धीरेंद्र शास्त्री ने सवाल उठाया कि किताब में हिंदू लड़की को मुस्लिम लड़की के लिए चिट्ठी लिखने को क्यों कहा गया है. उन्होंने कहा, “क्या हमारे बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि हिंदू लड़की मुस्लिम लड़की को चिट्ठी लिखे? क्या हिंदू लड़की हिंदू को चिट्ठी नहीं लिख सकती थी?”

इसके साथ ही, बाबा बागेश्वर ने किताब में छपी चिट्ठी को पढ़कर बताया और इसे ‘लव जिहाद’ का प्रयास बताया है. उनके इस बयान के बाद से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर इस मुद्दे पर बहस तेज हो गई है. शास्त्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब शिक्षा और साहित्य में सांप्रदायिकता के मुद्दों पर देशभर में चर्चा हो रही है. 

क्या है पूरा मामला?

मध्य प्रदेश में एनसीईआरटी की तीसरी क्लास की किताब के एक पाठ को लेकर विवाद खड़ा हो गया. छतरपुर के खजुराहो में एक छात्रा के पिता (पेशेवर डॉक्टर) ने इस पाठ को लव जिहाद को बढ़ावा देने वाला करार दिया है. अभिभावक ने पाठ के कंटेंट को लेकर एनसीईआरटी के सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी को मेल भेजा है. उन्होंने पाठ के कंटेंट को साजिश बताते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है. 

दरअसल क्लास तीन की पर्यावरण विषय की किताब में जिस अध्याय 17 के कंटेंट पर आपत्ति जताई गई है, उसका शीर्षक है, ‘चिट्ठी आई है’. इसमें एक पोस्टकार्ड छपा है. उसमें लिखा है – “अहमद तुम बताओ तुम कैसे हो? हम सब दोस्तों को तुम्हारी याद आती है. आशा है छुट्टियों में तुम अगरतला आओगे. सभी बड़ों को प्रणाम, तुम्हारी रीना.”

अहमद की जगह आकाश या कोई और नाम क्यों नहीं: धीरेंद्र शास्त्री

किताब में चिट्ठी को पढ़ते हुए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना फोन दिखाने हुए कहते हैं कि अबोध बच्चों के मन में बचपन से ही गंदे विचार भरे जा रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अहमद के स्थान पर अविनाश, आदर्श, आकाश जैसा नाम क्यों नहीं हो सकता? रीना ने अहमद को ही पत्र क्यों लिखा? किताब में इस तरह की सामग्री दिए जाने के पीछे भी कोई मकसद हो सकता है.

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