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National Medical Commission Gets WFME Recognition Indian Medical Graduates Will Now Be Able To Practice In US, Australia – MBBS स्टूडेंट के लिए खुशखबरी, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को मिला WFME मान्यता, देश के डॉक्टर अब US, ऑस्ट्रेलिया में कर सकेंगे प्रैक्टिस 


MBBS स्टूडेंट के लिए खुशखबरी, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को मिला WFME मान्यता, देश के डॉक्टर अब US, ऑस्ट्रेलिया में कर सकेंगे प्रैक्टिस 

MBBS स्टूडेंट के लिए खुशखबरी, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को मिला WFME मान्यता

नई दिल्ली:

Indian Medical Graduates: एमबीबीएस की पढ़ाई कर चुके या कर रहे छात्रों के लिए खुशखबरी. अब मेडिकल ग्रेजुएट देश ही नहीं बल्कि यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत कई अन्य देशों में अपनी ट्रेनिंग और प्रैक्टिस कर सकेंगे. ऐसा भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) की तरफ से मान्यता मिलने के कारण हुआ है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत के राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को 10 वर्षों के कार्यकाल के लिए प्रतिष्ठित वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) मान्यता दर्जा से सम्मानित किया जा रहा है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि डब्ल्यूएफएमई मान्यता भारतीय चिकित्सा स्नातकों को संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे अन्य देशों में पोस्टग्रेजुएट ट्रेनिंग और प्रैक्टिस करने में सक्षम बनाएगी, जिन्हें डब्ल्यूएफएमई मान्यता की आवश्यकता है.

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706 मेडिकल कॉलेज

इस मान्यता के तहत देश के सभी 706 मौजूदा मेडिकल कॉलेज डब्ल्यूएफएमई मान्यता प्राप्त हो गए हैं और आने वाले 10 वर्षों में स्थापित होने वाले नए मेडिकल कॉलेज स्वचालित रूप से डब्ल्यूएफएमई मान्यता प्राप्त हो जाएंगे. विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों के कारण भारत अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना जाएगा. 

डॉक्टरी की प्रैक्टिस

डब्ल्यूएफएमई मान्यता भारतीय मेडिकल स्नातकों को अन्य देशों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण और अभ्यास करने में सक्षम बनाएगी, जिन्हें डब्ल्यूएफएमई मान्यता की आवश्यकता होती है.यही नहीं इससे एनएमसी को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और बेंचमार्क के साथ संरेखित करके भारत में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता और मानकों को बढ़ाने का विशेषाधिकार मिलेगा.

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विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मान्यता से भारतीय मेडिकल स्कूलों और पेशेवरों की अंतरराष्ट्रीय मान्यता और प्रतिष्ठा बढ़ेगी. इससे अकादमिक सहयोग, आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी, चिकित्सा शिक्षा में निरंतर सुधार और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही और चिकित्सा शिक्षकों और संस्थानों के बीच गुणवत्ता आश्वासन की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा.

लगभग 351.9 करोड़ रुपये

डब्ल्यूएफएमई मान्यता प्रक्रिया में प्रति मेडिकल कॉलेज 4,98,5142 रुपये ($60,000) का शुल्क शामिल है, जो साइट विजिट टीम और उनकी यात्रा और आवास के खर्चों को कवर करता है. इसका मतलब है कि भारत के 706 मेडिकल कॉलेजों को डब्ल्यूएफएमई मान्यता के लिए आवेदन करने की कुल लागत लगभग 351.9 करोड़ रुपये ($4,23,60,000) होगी. मालूम हो कि एनएमसी ने डब्ल्यूएफएमई की मान्यता ले ली है जो उसके अंतर्गत आने वाले सभी मेडिकल कॉलेजों पर यह लागू होगा. 

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WFME एक वैश्विक संगठन

बता दें कि वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (WFME) एक वैश्विक संगठन है जो दुनिया भर में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए है. डब्लूएफएमई का मिशन सभी मानव जाति के लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्रयास करना है. स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, डब्ल्यूएफएमई का प्राथमिक उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा में उच्चतम वैज्ञानिक और नैतिक मानकों को बढ़ावा देने के साथ दुनिया भर में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है.


 



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