national herald case BJP angry Gandhi family jawahar lal nehru sardar patel sudhanshu trivedi | नेशनल हेराल्ड को लेकर गांधी परिवार पर भड़की बीजेपी, पूछा
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट को कांग्रेस और बीजेपी में सियासी घमसान छिड़ गया. कांग्रेस ने बुधवार को देशभर में प्रदर्शन कर इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताते हुए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी नेशनल हेराल्ड की विरासत की याद दिलाई तो वहीं इसे लेकर बीजेपी ने पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किए गए नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन पर कांग्रेस के शासनकाल में ही ताला क्यों लग गया? कांग्रेस अपनी विरासत क्यों नहीं बचा पाई?
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड एक ऐसा विचित्र केस है जिसमें एक कंपनी 90 करोड़ में बिक गई जिसके पास हजारों करोड़ की संपत्ति थी. इसमें खरीदने वाले और बेचने वाले एक ही थे! सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह भी विचित्र बात है कि दावे के मुताबिक यह स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से जवाहर लाल नेहरू के द्वारा शुरू किया लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में 2008 में बंद हो गया. उसके पहले 50 साल कांग्रेस का शासन था लेकिन वो अपनी विरासत नहीं बचा पाई! क्या वो विरासत अलोकप्रिय हो गई थी? क्या पार्टी कार्यकर्ता भी अपना अखबार ख़रीदने को तैयार नहीं थे? सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेता चाहते ही नहीं थे कि ये अखबार चले.
सरदार पटेल ने लिखी थी नेहरू को चिट्ठी
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बहुत पहले से इसको लेकर संदेह जाहिर किया था. जैसे सरदार पटेल ने मई 1950 को जवाहर लाल नेहरू को पत्र लिखकर नेशनल हेराल्ड की गतिविधियों को लेकर सवाल उठाते हुए सरकारी लोगों की इसमें भूमिका पर आपत्ति जताई थी. नेहरू जी ने इसके जवाब में लिखा कि बहुत लोग योगदान देते हैं, इसमें कोई बुराई नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अगले दिन सरदार पटेल ने एक और पत्र लिखकर कहा कि इसमें दान का मामला नहीं बनता है. जवाबी पत्र में नेहरू ने एकबार फिर कहा कि नेशनल हेराल्ड में निवेश मुनाफे का सौदा हो सकता है. चार दिन बाद हताश होकर पटेल लिखते हैं कि अब वो इस मामले को और नहीं बढ़ाना चाहते.
सीबी गुप्त ने भी नेशनल हेराल्ड पर कही थी ये बात
सुधांशु त्रिवेदी ने यूपी के चार बार के सीएम और कांग्रेस नेता रहे सीबी गुप्त का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी आत्मकथा सफ़र कहीं रुका नहीं में लिखा है “मुझे हैरानी है कि नेशनल हेराल्ड अब नेहरू परिवार की संपत्ति बन गई है. अगर कोई जांच समिति गठित हो कि इसके लिए फंड कैसे जुटाया गया तो बड़े खुलासे होंगे. शुरू से ही नेशनल हेराल्ड की नीति नेहरू और इंदिरा गांधी का प्रचार करने और इन दोनों की आलोचना करने वालों पर हमला करने की रही.”
बीजेपी सांसद ने कहा कि सीबी गुप्त ने यह भी लिखा है कि आचार्य नरेंद्र देव, पुरुषोत्तम दास टंडन, शिव प्रसाद गुप्ता और सीबी गुप्त को नेशनल हेराल्ड को अपने शेयर बेचने को कहा गया और सौ शेयर नेहरू के नाम पर लिया गया ताकि नेहरू इसके डायरेक्टर बन सकें.
कांग्रेस का पूरा चरित्र बेनकाब हो गया: सुधांशु त्रिवेदी
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ईडी की कहानी अब किनारे हो गई. अब तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता और स्वतंत्रता सेनानियों की जुबानी कांग्रेस का पूरा चरित्र बेनकाब हो गया है. कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत के साथ खिलवाड़ किया है. वहीं ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध बताने पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इसका सवाल नहीं उठता क्यूंकि इस मामले की शुरुवात एक जनहित याचिका के द्वारा अक्टूबर 2013 में यूपीए सरकार के समय दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई थी.