Nalanda health department clerk Fraud exposed in Bihar ann
Bihar News: बिहार के नालंदा में स्वास्थ्य विभाग के एक लिपिक के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. सदर अस्पताल में कार्यरत लिपिक गोपनीय तरीके से हर माह एक लाख रुपये का घोटाला कर रहा था. मामले पर सिविल सर्जन कुछ भी बोलने से परहेज करते दिखाई दिए. फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, जिसके बाद सिविल सर्जन ने लिपिक पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि सदर अस्पताल में पदस्थापित लिपिक पंकज कुमार का वेतन 40 हजार रुपये है, लेकिन वह सरकारी तंत्र से खिलवाड़ कर प्रतिमाह 1 लाख 40 हजार रुपये की निकासी कर रहा था, यह गड़बड़ी मार्च में ऑनलाइन होने के बाद जांच के दौरान पकड़ी गई. सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने जांच के दौरान इसका पर्दाफाश किया है.
फर्जीवाड़े की होगी जांच
सीएस ने बताया कि वेतन भुगतान करने से पहले एक भरपाई पंजी को तैयार किया जाता है, जिस पर अस्पताल के अधिकारी साइन करते है फिर वेतन की भुगतान के लिए इसे ऑनलाइन दर्ज किया जाता है. भरपाई पंजी में कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाता था बल्कि ऑनलाइन एंट्री करने में लिपिक पंकज कुमार पोर्टल पर वेतन की राशि में 1 लाख रुपये की बढ़ोतरी कर निकासी कर रहा था, इसका वेतन 40 हजार के लगभग था. डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि लिपिक कई वर्षों से फर्जीवाड़ा कर रहा था उसकी जांच की जा रही है.
लिपिक 2018 से कर रहा था फ्रॉड
फिलहाल अभी जांच में यह बात भी सामने आई है कि पंकज कुमार 2018 में राजगीर में लिपिक के पद पर कार्य कर रहा था तो वहां 5 से 6 हजार रुपये अतिरिक्त निकाल रहा था. 2022 से 2024 तक सरमेरा में लिपिक के पद पर कार्य कर रहा था तो वहां 25 से 30 हजार रुपये अतिरिक्त वेतन निकालने लगा था. इसके बाद 2024 में सदर अस्पताल में लिपिक के पद पर कार्य करते हुए पंकज कुमार ने हर महीने 1 लाख रुपये अतिरिक्त निकालने शुरू कर दिए.
लिपिक पंकज कुमार की धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद उसे तुरंत निलंबित कर दिया गया है. अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. अब सभी स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन निकासी की जांच भी की जाएगी.
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