Nagina Lok Sabha Seat Chandrashekhars Triangular Contest With INDIA NDA Alliance – नगीना लोकसभा सीट : चंद्रशेखर की एंट्री से लड़ाई दिलचस्प, हॉट सीट पर INDIA-NDA के साथ त्रिकोणीय मुकाबला
नई दिल्ली:
पश्चिमी यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है. नगीना सीट पर चंद्रशेखर आज़ाद की एंट्री ने इसे ‘हॉट सीट’ बना दिया है. बिजनौर जिले में आने वाली ये सीट, एक रिजर्व सीट है. यहां मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है, जो यहां के चुनावी समीकरण को दिलचस्प बनाती हैं. नगीना से लड़ रहे चंद्रशेखर आजाद लोकप्रिय दलित नेता हैं, जिनका पश्चिमी यूपी के दलित समुदाय में अच्छा खासा प्रभाव है.
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चुनावी यात्रा के तहत एनडीटीवी की टीम उत्तर प्रदेश के नगीना पहुंची. नगीना यूपी की 17 रिज़र्व लोकसभा सीटों में से एक है. क़रीब 21 फ़ीसदी अनुसूचित जाति के वोटर्स और तक़रीबन 50 फीसदी मुस्लिम मतदाता इस सीट पर हार और जीत का फ़ैसला करते हैं. 2014 में यहां बीजेपी जीती थी, लेकिन 2019 में सपा-बसपा गठबंधन की वजह से समीकरण बदल गया था और बीएसपी उम्मीदवार गिरीश चंद्र ने क़रीब डेढ़ लाख वोटों के मार्जिन से बीजेपी उम्मीदवार को हरा दिया था.
बीजेपी ने यहां से ओम कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जो नगीना लोकसभा में ही आने वाली नहटौर सीट से मौजूदा विधायक हैं. पहले वो बीएसपी के विधायक थे, बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. ओम कुमार स्थानीय नेता हैं तो ‘बाहरी वर्सेज लोकल’ मुद्दे को ख़ूब तूल दे रहे हैं.
ओम कुमार ने कहा कि मेरा गांव महेश्वरी जट है, वहां मुस्लिम समाज सबसे ज्यादा रहता है. आप उनसे पूछ लो वो क्या कहते हैं, वो कहते हैं कि हमारा बेटा खड़ा है. कोई चाचा है, कोई ताऊ है, वो सब मेरे हैं. हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं चलने वाली है.
पिछले कुछ साल में चंद्रशेखर आज़ाद ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. वो अपने युवा साथियों के साथ जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
आज़ाद समाज पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर आज़ाद से जब पूछा गया कि आप मूलरूप से सहारनपुर से हैं, वहीं आपका कार्यक्षेत्र रहा है, फिर नगीना से लड़ने का फैसला क्यों किया? उन्होंने कहा कि नगीना बिजनौर जिले में आता है. नगीना से बहुत बड़े-बड़े नेताओं को अवसर मिले हैं और वो बाद में बड़े पदों पर बैठे हैं.
वाइ प्लस सुरक्षा मिलने के बाद बीजेपी-आरएसएस का चेहरा होने के आरोप पर चंद्रशेखर ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं को भी सुरक्षा मिलती है, एक दलित के बेटे को सुरक्षा मिल गई तो क्या हो गया. मैं तो चाहता हूं कि सभी बहुजनों को सुरक्षा मिले.
नगीना की डेमोग्राफी दिलचस्प है, दलितों और मुसलमानों का वोट क़रीब 70 फ़ीसदी है और अगर किसी एक कैंडिडेट के पक्ष में ये वोट चला जाए तो उसकी जीत तय है, लेकिन चंद्रशेखर आज़ाद की एंट्री के बाद से सपा का गणित बिगड़ गया है और इसका फ़ायदा बीजेपी को हो सकता है.