My Father Had Dropped Bombs But Sachin Pilot Hits Back At BJP Leaders Tweet – मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन… : सचिन पायलट ने BJP नेता के ट्वीट पर किया पलटवार
नई दिल्ली:
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए गए ट्वीट पर भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय पर निशाना साधा है. अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे. इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं, क्योंकि 1966 में अक्टूबर महीने में वे भारतीय वायुसेना में कमीशन हुए थे.
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सचिन पायलट ने अमित मालवीय के दावों को काल्पनिक, तथ्यहीन और पूरी तरह भ्रामक बताया.
टि्वटर पर अमित मालवीय ने दावा किया था कि 5 मार्च 1966 को मिजोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराने वाले भारतीय वायुसेना के विमानों को राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी उड़ा रहे थे.
अमित मालवीय पर निशाना साधते हुए सचिन पायलट ने कहा, “आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं. हां… बतौर भारतीय वायुसेना के पायलट मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे. लेकिन उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान पर गिराए थे, ना कि 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम पर, जैसा आप दावा कर रहे हैं. वह 29 अक्टूबर 1966 को वायुसेना में कमीशन हुए थे.”
इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है.
.@amitmalviya – You have the wrong dates, wrong facts…
Yes, as an Indian Air Force pilot, my late father did drop bombs. But that was on erstwhile East Pakistan during the 1971 Indo-Pak war and not as you claim, on Mizoram on the 5th of March 1966.
He was commissioned into the… https://t.co/JfexDbczfkpic.twitter.com/Lpe1GL1NLB
— Sachin Pilot (@SachinPilot) August 15, 2023
मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, “राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए. बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने. साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया.”
साथ ही सचिन पायलट ने कहा कि “हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने अहम भूमिका जरूर निभाई थी.”
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