Mumbai Water crisis tanker services closed from April 10 reason new rules of Ground Water Authority ann
Mumbai News: मुंबई में पानी संकट और भी गहराने वाला है. जलाशयों में पानी की कमी के चलते पहले ही पानी की कटौती की जा रही है और अब 10 अप्रैल से मुंबई में वाटर टैंकर सेवाएं भी बंद होने जा रही हैं. मुंबई वॉटर टैंकर एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है, जिसकी वजह है केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (Central Ground Water Authority) द्वारा लागू किए गए नए नियम.
मुंबई नगर निगम ने टैंकर सेवा देने वालों को नोटिस भेजी है कि जिनके पास निजी बोरवेल या कुएं हैं, उन्हें केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) लेना अनिवार्य है. बिना एनओसी पानी की आपूर्ति बंद की जा सकती है. इस नए नियम के चलते जिन बोरवेल मालिकों के पास एनओसी नहीं है, वे अब टैंकर सेवा देने में असमर्थ हो सकते हैं. इस स्थिति को देखते हुए वॉटर टैंकर एसोसिएशन ने सेवा बंद करने का ऐलान कर दिया है.
मुंबई वाटर टैंक एसोसिएशन की प्रतिक्रिया
मुंबई वॉटर टैंकर एसोसिएशन के प्रतिनिधि अंकुर वर्मा ने बताया, “10 अप्रैल से हम अपनी सेवाएं बंद कर रहे हैं. मुंबई महापालिका ने हमें 381A के तहत नोटिस दी है कि अपनी बोरवेल हटाएं और पाइपलाइन डिसमेंटल करें. यह व्यवसाय 70 से 80 साल पुराना है. अगर टैंकर नहीं होंगे तो पानी की सप्लाई कैसे होगी?”
कई इलाकों में पहले से ही जल संकट
मुंबई के कई इलाकों—कुलाबा, घाटकोपर, मुलुंड, वरली , बोरीवली, कांदिवली, मालाड, गोरेगांव, जोगेश्वरी, अंधेरी, कुर्ला और विद्याविहार—में पहले से ही जल संकट गहराया हुआ है. इन इलाकों में पानी की आपूर्ति का बड़ा हिस्सा वॉटर टैंकरों से होता है. टैंकर सेवा बंद होने से इन क्षेत्रों में रहने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही, कई जगहों पर पीने के पानी के नाम पर बोरवेल का अशुद्ध पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है.
जलाशयों में केवल 33% पानी बचा
मुंबई को पानी देने वाले सात प्रमुख जलाशयों— वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलशी झील में अब केवल 33.57 प्रतिशत पानी शेष है. यह स्टॉक जुलाई के अंत तक चलना है. तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे पानी की मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन पैदा हो रहा है.
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने राज्य सरकार से जलाशयों में जमा आरक्षित पानी के इस्तेमाल की अनुमति मांगी है. ऊर्ध्व वैतरणा से 68 हजार दशलक्ष लीटर और भातसा से 1.13 लाख दशलक्ष लीटर पानी की मांग की गई है. यदि समय पर बारिश नहीं हुई, तो मुंबई को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है.
अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी और वाटर टैंकर सेवाएं बंद रहीं, तो मुंबई में पानी की आपूर्ति और ज्यादा चरमरा सकती है. अब सबकी निगाहें बारिश पर टिकी हैं और उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन जल्द इस संकट से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे.
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