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Mrityunjay Mohapatra Becomes Vice President Of World Meteorological Organization WMO


WMO Vice-President: भारत मौसम विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र को गुरुवार (1 जून) को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) का तीसरा उपाध्यक्ष चुना गया है. डब्ल्यूएमओ ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है. मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले मृत्युंजय महापात्र को भारत के साइक्लोन मैन के रूप में जाना जाता है. वह 2019 से मौसम विभाग की कमान संभाल रहे हैं. 

महापात्र के अलावा दो अन्य व्यक्तियों को भी डब्ल्यूएमओ (WMO) के उपाध्यक्ष के पद पर प्रमोट किया गया. इनमें आयरलैंड से मेट ईरेन के निदेशक इयोन मोरन और कोटे डी आइवर के मौसम विज्ञान के निदेशक डौडा कोनाटे हैं. डब्ल्यूएमओ का चुनाव गुरुवार (01 जून) को जिनेवा में हुआ. इसमें संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अब्दुल्ला अल मंदौस डब्ल्यूएमओ के अध्यक्ष चुने गए हैं. 

WMO के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष

अब्दुल्ला अल मंदौस का कार्यकाल चार साल का होगा. डब्ल्यूएमओ में एक अध्यक्ष और तीन उपाध्यक्ष होते हैं. अर्जेंटीना की सेलेस्टे साउलो को डब्ल्यूएमओ की पहली महिला महासचिव नियुक्त किया गया है.  जिनमें अब्दुल्ला अल मंदौस को अध्यक्ष और मृत्युंजय महापात्र, इयोन मोरन और डौडा कोनाटे को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 

कौन हैं मृत्युंजय महापात्र?

पिछले दो दशकों में आईएमडी की तरफ से फैलिन, हुदहुद, वरदा, तितली, सागर, मेकूनू और फानी जैसे कई चक्रवातों की सटीक भविष्यवाणियों में महापात्र का अहम योगदान रहा है. उन्हें साल 2019 से मौसम विभाग में बतौर महानिदेशक नियुक्त किया गया था. उनका जन्म उड़ीसा के भद्रक जिले के एक छोटे-से गांव में हुआ था. उन्होंने बचपन से ही चक्रवातों के कारण होने वाले नुकसान को काफी करीब से देखा है. उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में पीएचडी की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 1990 के दशक से मौसम विभाग से जुड़ गए थे. 

क्या है विश्व मौसम विज्ञान संगठन?

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) एक संगठन है, जिसे 1950 में स्थापित किया गया था. डब्ल्यूएमओ विश्व जलवायु की स्थिति पर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी करता है. यह रिपोर्ट मौसम की घटनाओं के साथ-साथ स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर तापमान पर पूरी जानकारी देने का काम करती है. इसके अलावा टिड्डियों के झुंड को लेकर भविष्यवाणी करना डब्ल्यूएमओ की एक और जिम्मेदारी है. भारत 1949 से डब्ल्यूएमओ का सदस्य है. डब्ल्यूएमओ ने चक्रवात अम्फान के पूर्वानुमान और अपडेट में भारत की आईएमडी की उल्लेखनीय सटीकता की भी तारीफ की थी.

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