Mp Rajasthan Chhattisgarh Election Results 2023 Rahul Gandhi Could Not Connect His Leader
Election Result Update 2023: पहले कर्नाटक और अब तेलंगाना में कांग्रेस की जीत का सेहरा तमाम चुनावी विश्लेषक और कांग्रेस के कद्दावर नेता राहुल गांधी के सिर बांधने की कोशिश में जुट गए हैं. इसके लिए सभी लोग सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का हवाला दे रहे हैं, जो कर्नाटक के साथ ही तेलंगाना से भी होकर गुजरी थी.
मोहब्बत की दुकान को पहले कर्नाटक और फिर तेलंगाना में जीत की वजह के तौर पर पेश किया गया. कर्नाटक में राहुल गांधी 20 सीटों से गुजरे थे, जिनमें 15 पर कांग्रेस जीत गई. तेलंगाना में भी सांसद राहुल गांधी की यात्रा 12 दिनों तक चली थी और यही पार्टी की जीत की वजह भी बनी.
एमपी-राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा
इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ की हार को भी पचाया जा सकता है कि वहां पर राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान नहीं खोली और भारत जोड़ो यात्रा लेकर गए ही नहीं लिहाजा वहां पार्टी हार गई, लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान का क्या करेंगे. वहां के चुनावी नतीजों पर ये तमाम चुनावी विश्लेषक कौन सी टिप्पणी करेंगे, क्योंकि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तो राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी होकर गुजरी थी. ऐसा भी नहीं है कि इन दोनों राज्यों में राहुल गांधी सिर्फ छूकर निकल गए.
हार के लिए फिर कौन जिम्मेदार?
राहुल गांधी राजस्थान में बाकायदा 17 दिनों तक रहे थे. वहीं, मध्य प्रदेश में इस यात्रा ने 13 दिन गुजारे थे. राजस्थान में 525 किलोमीटर की यात्रा में करीब 33 सीटें कवर की गईं, जबकि मध्य प्रदेश में 380 किलोमीटर की यात्रा में करीब 21 सीटें कवर की गईं. हालांकि नतीजे आए तो साफ हो गया कि पब्लिक ने इन दोनों ही राज्यों में राहुल गांधी की चलाई मोहब्बत की दुकान का शटर बंद कर दिया.
इसकी वजह और कुछ नहीं बल्कि उस भरोसे की कमी है, जो न तो अशोक गहलोत-सचिन पायलट की एकजुटता में दिखी और न ही कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की दोस्ती में दिखी. इसका नतीजा ये निकला कि जनता ने सबको खारिज कर दिया.
जीतू पटवारी तक हार गए चुनाव
मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने मालवा-निमाड़ क्षेत्र के जिन छह जिलों बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा की 21 सीटों पर यात्रा की थी. इनमें से अधिकांश सीटों पर कांग्रेस हार गई है. यही नहीं राऊ जैसी सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता जीतू पटवारी तक चुनाव हार गए. यही हाल राजस्थान का भी रहा.
राजस्थान के 33 सीटों से गुजरे थे राहुल गांधी
झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिले की कुल 33 सीटों से होकर सांसद राहुल गांधी गुजरे थे. 18 सीटों पर तो पहले से ही कांग्रेस काबिज थी. तब से जब भारत जोड़ो यात्रा का किसी ने नाम भी नहीं सुना था. नतीजे आए तो साफ हो गया कि कांग्रेस की सीटें यहां 18 से भी कम हो गई हैं.
अगर कांग्रेस और उसके नेता पहले कर्नाटक और फिर तेलंगाना में जीत का सेहरा राहुल गांधी के सिर बांधने को तैयार हैं, तो फिर मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर फूटेगा. इसके लिए किसी भी दूसरे नेता चाहे वो राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हों या फिर राजस्थान में अशोक गहलोत, सचिन पायलट या मध्य प्रदेश में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
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