Mp News World Largest Book Of 30000 Pages Released Main Page Of Record Will Be Made In Indore Ann
Madhya Pradesh News: डॉ. भीमराव अम्बेडकर बाबासाहेब के प्रथम शाला प्रवेश दिवस 7 नवंबर के पूर्व 5 नवंबर को विश्व की सबसे ज्यादा 30 हजार पन्नों की किताब का मुख्य पृष्ठ डॉ. भीमराव अम्बेडकर बाबासाहेब की जन्मस्थली महू से जारी किया गया. एडवोकेट लोकेश मंगल ने बताया कि 74वे भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर थावरचंद गहलोत, कर्नाटक राज्यपाल की प्रेरणा से संविधान से देश पुस्तक द्वारा विजय चौक,कर्त्तव्य पथ,नई दिल्ली से 26 नवम्बर को जारी की जाएगी.
कर्तव्य पथ का अपना इतिहास रहा है,जिसके चलते वहां से किताब जारी की गई. स्वतंत्रता से पूर्व इसे किंग्स वे कहकर संबोधित किया जाता था. नागरिकों को मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने हेतु ये कार्य किया गया. 30 हजार पन्ने की इस किताब में विश्वभर के सभी देशों के संविधान व महत्वपूर्ण चीजों को छापा गया है, ये संभवत: विश्व की सबसे अधिक पन्नों की किताब है. इस किताब को लेकर कभी भी किसी भी पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं किया जाएगा.
बना चुके हैं पीतल का संविधान
सबसे साफ इंदौर शहर को हमेशा नवाचार के लिए जाना जाता है. एडवोकेट लोकेश मंगल ने इंदौर वासी ने नवाचार कर अनूठी संविधान की प्रति तैयार की है. 29 वर्षीय एडवोकेट लोकेश ने पीतल से करीब 32 किलो वजनी 54 पन्नों की संविधान की प्रतिलिपि तैयार की. पीतल से संविधान की प्रति तैयार करने वाले लोकेश मंगल का कहना है कि हमेशा कुछ अलग कर गुजरने की चाहत ही आपको सबसे अलग पहचान दिलाती है.
इन लोगों से ली थी राय
उन्होंने बताया कि चित्रों के माध्यम से संविधान की मूल भावना को दर्शाया गया है. पीतल के पन्नों की संविधान की प्रतिलिपि तैयार करने से पहले 25 सांसदों, 45 विधायकों, 20 कलेक्टर और 17 संविधान विशेषज्ञों की राय ली गई थी. लोकेश ने बताया कि संविधान की प्रतिलिपि के पहले और आखिरी पन्ने को लेजर से प्रिंट किया गया है बाकी अन्य जगह पर दो तरफा प्रिंट है.
ऐसे किया था तैयार
संविधान की प्रतिलिपि में कुल 106 प्रिंट और 32 किलो वजनी 54 पन्नों को तैयार करने में करीब साढ़े तीन माह का समय लगा. दिलचस्प बात है की प्रिंट मात्र 14 घंटे में चित्रों के माध्यम से बनाया गया. हर व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद को नहीं समझता है लेकिन चित्र को जरूर समझता है. यही मुख्य वजह है कि केवल इसे चित्रों से दर्शाया गया है. पीतल से बनाने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि संविधान विशेषज्ञों, धर्म गुरुओं ने पीतल को शुद्ध बताया है. यही वजह है की स्थाई दस्तावेज और अमर गाथा के लिए पीतल का ही चयन किया गया. अब सबसे शुद्ध धर्म में भी माना गया है. फिलहाल दो प्रति तैयार करने में करीब 49 हजार रु की लागत आई.