MP News Experts Examined The Dead Body Of Cheetah Tejas Told Cause Of Death Kuno National Park Ann
Bhopal News: कुनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता तेजस 11 जुलाई को मृत हालत में मिला था. भोपाल और जबलपुर के वन्य प्राणी चिकित्सकों द्वारा चीता तेजस के शव का परीक्षण किया. इस दौरान चीता तेजस की मौत कारण ट्रॉमेटिक शॉक बताया जा रहा है. मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी जेएस चौहान ने बताया है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता तेजस की मृत्यु का प्रथम दृष्टया संभावित कारण ट्रॉमेटिक शॉक है.
जेएस चौहान के मुताबिक 11 जुलाई को मृत पाये गये तेजस का शव परीक्षण 12 जुलाई को चीता परियोजना में तैनात तीन वन्य प्राणी चिकित्सकों, स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फोरेंसिंक एंड हेल्थ जबलपुर के विशेषज्ञ के अलावा वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल के वरिष्ठ वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा पालपुर स्थित वाइल्ड लाइफ हॉस्पिटल में किया गया.
43 किलो निकला वजन
मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी जेएस चौहान ने बताया कि शव परीक्षण के दौरान चीता का वजन 43 किलोग्राम पाया गया जो कि सामान्य नर चीता के औसत वजन से कम है. बाहरी तौर पर चीता के गर्दन पर घाव के निशान थे जो ज्यादा गहरे न होकर केवल बाह्य त्वचा तक सीमित थे. इसमें कोई पंक्चर वुड भी नहीं पाया गया. आंतरिक परीक्षण के दौरान चीता के फेफड़े, हृदय, तिल्ली एवं गुर्दे सामान्य नहीं पाए गए. दिल के एरोटा और ओरिकल में चिकन फैट का जमाव के अलावा जमा हुआ रक्त भी पाया गया. गुर्दे पल्पी होने के साथ-साथ कोर्टेक्स एवं मेडुला में डेमार्केशन नहीं पाया, तिल्ली में एम्फाईसिमा एवं सफेद रंग के नोड्यूल पाए गए.
अंदर से काफी कमजोर था तेजस
मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी जेएस चौहान के अनुसार शव परीक्षण करने वाले वन्यप्राणी चिकित्सकों के बताया कि तेजस के आंतरिक अंग सामान्य रूप से कार्य नहीं कर रहे थे. इस अवस्था तेजस के भविष्य में पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावनाएं काफी कम हो गई थी. संभवत: चीता के आंतरिक रूप से कमजोर होने के कारण बाड़े में मौजूद अन्य मादा चीता से हुई हिंसक झड़प से हुये ट्रॉमा की स्थिति से रिकवर नहीं कर पाया.
अब तक 7 की मौत
बता दें श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8, जबकि दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाकर छोड़े गए थे. इनमें एक मादा चीता द्वारा 4 शावकों को जन्म दिया था. अब तक कूनो नेशनल पार्क में सात चीतों की मौत हो चुकी है, इनमें 4 व्यस्क, जबकि 3 शावक शामिल हैं. कूनो नेशनल पार्क में 17 चीते शेष बचे हैं.
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