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MP News: हिट एंड रन में सख्त सजा और भारी जुर्माने पर AIMTC ने जताई चिंता, सरकार से बदलाव की मांग



<p style="text-align: justify;"><strong>Indore News:</strong> भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद अब हिट एंड रन के मामलों में नियम सख्त हो गए हैं. नए नियम के तहत हिट एंड रन के केस में वाहन चालक पर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है. इस प्रावधान का इंदौर में ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने विरोध किया है.</p>
<p style="text-align: justify;">इंदौर में एक पत्रकार वार्ता में संगठन के पदाधिकारी अमृतलाल मदान ने बताया कि "यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं." ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है." उन्होंने कहा कि "भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>हिट एंड रन कानून पर संगठन की क्या है चिंता?</strong><br />नए प्रावधान को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर करते हुए अमृत मदान ने कहा कि "हिट एंड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत जरूर है और इसके पीछे इरादा भी सरकार का अच्छा है, लेकिन जो कानून प्रस्तावित है उसमें कई सारी खामियां हैं. जिन पर दोबारा सोचने की जरूरत है." मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि "आज देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है, ऐसे में इस कानून के संभावित नकारात्मक प्रभावों को लेकर समूचा संगठन सकते में है."</p>
<p style="text-align: justify;">अमृतलाल मदान ने कहा कि "प्रस्तावित कानून बिना किसी परामर्श और स्टेकहोल्डर की सहमति से पेश किया गया है. जिसे बिना जमीनी हकीकत जाने लागू किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि "परिवहन उद्योग और वाहन चालक भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण पहिए हैं. भारत इस वक्त वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव</strong><br />संगठन ने इस बात पर भी चिंता जताई कि भारत में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है और ऐसे मामलों में जब कोई एक्सीडेंट होता है, तो बिना किसी जांच के बड़े वाहन चालक की गलती करार दी जाती है. यह नहीं देखा जाता की गलती बड़े वाहन चालक की है या छोटे वाहन चालक की. हिट एंड रन के मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि "चालक दुर्घटना की जिम्मेदारी से बचने के इरादे से नहीं भागता बल्कि बेकाबू होती भीड़ और खुद की जान बचाने के लिए वह संभावित खतरे को देखते हुए अपनी जान बचाने के लिए भागता है. ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>संगठन कर सकता है हड़ताल</strong><br />ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक 10 जनवरी को है. जिसमें इस बात का फैसला लिया जाएगा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, तो किस तरह से सरकार के सामने अपना पक्ष रखा जाए. ऐसी संभावना है कि आने वाले समय में संगठन हड़ताल कर दे.</p>
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