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MP Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि राज्य की बीजेपी सरकार 75000 गेस्ट टीचर्स को 30 अप्रैल से घर बिठाने जा रही है. उमंग सिंघार के इस आरोप के बाद मध्य प्रदेश में सियासी पारा हाई हो गया है.

इस आरोप को लेकर उमंग सिंघार और राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के बीच सोशल मीडिया पर जमकर जुबानी जंग चल रही है. कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस की भविष्य में तय हार को देखते हुए बौखला गए हैं.

उमंग सिंघार ने लगाए ये आरोप
दरअसल, लोकसभा चुनाव के गर्माहट वाले माहौल में एमपी के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के बीच अतिथि शिक्षकों को लेकर 4 दिन से आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. सोशल मीडिया प्लेट फार्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखते हुए उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि,”मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, आपकी सरकार द्वारा 30 अप्रैल को 75,000 अतिथि शिक्षकों को निकाला जा रहा है.”

उमंग सिंघार ने तत्काल इस फैसले रोक लगाने की मांग करते हुए लिखा, “यह प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के जीवन का सवाल है. आपके इस निर्णय से चुनाव से पहले ही आपकी सरकार का झूठ सामने आ गया. घोषणा वीर शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों को साल भर में स्थायी करने की  घोषणा की थी.” 

प्रदेश की हालिया सरकार को घेरते हुए उमंग सिंघार ने लिखा, “सीएम डॉ मोहन यादव ने उनकी सेवाएं 30 अप्रैल से समाप्त कर दी. यहां तक कि चुनाव आयोग ने भी अतिथि शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी न लगाने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि सरकार 30 अप्रैल को इन मेहनती शिक्षकों से नौकरी छीन रही है.”

पीएम मोदी पर उमंग सिंघार का तंज
उन्होंने इसी पोस्ट में आगे लिखा, “प्रदेश में 75,000 अतिथि शिक्षक 30 अप्रैल को बेरोजगार हो जाएंगे. इस संख्या में उनके परिवार को भी जोड़ा जाए तो यह संख्या साढ़े 3 लाख से ज्यादा होती है. क्योंकि, अतिथि शिक्षकों के साथ उनका परिवार भी जुड़ा होता है, जो रोटी और सर पर छत के लिए भी मोहताज हो जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहां है आपकी गारंटी?”

सरकार पर तंज कसते हुए उमंग सिंघार ने कहा, “मोहन सरकार ने तो आपकी गारंटी को एक आदेश से निरस्त कर दिया. कांग्रेस ऐसे जन विरोधी फैसलों का विरोध करती है और इन सभी प्रभावित अतिथि शिक्षकों के साथ खड़ी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव संवेदनशीलता दिखाएं और तत्काल इस निर्णय को रोक दें. अतिथि शिक्षकों से उनका रोजगार न छीनें.”

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का पलटवार 
इसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने उमंग सिंघार के आरोपों का जवाब देते हुए एक्स पर लिखा,”प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस की भविष्य में तय हार को देखते हुए बौखला गए हैं. हमारे अतिथि शिक्षकों मित्रों को भ्रमित कर बरगलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. वास्तविकता यह है कि प्रत्येक वर्ष शैक्षणिक सत्र 30 अप्रैल को समाप्त होता है.”

 मंत्री उदय प्रताप सिंह ने लिखा, “शैक्षणिक सत्र की समाप्ति होने पर हर साल अतिथि शिक्षकों की सेवाएं खुद समाप्त हो जाती हैं. नियमित शिक्षकों को भी ग्रीष्म कालीन अवकाश प्रदान किया जाता है, क्योंकि इस दौरान स्कूल बंद रहते हैं. नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने पर आवश्यकता अनुसार दोबारा अतिथि शिक्षकों को रखा जाता है.”

मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आगे लिखा, “तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा अतिथि शिक्षकों के साथ पूरे शैक्षणिक सत्र के लिए अनुबंध किए जाने की घोषणा की गई थी. घोषणा के अनुरूप सभी अतिथि शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. किसी भी अतिथि शिक्षक को बीच में निकाला नहीं गया है.”

उन्होंने लिखा, “अतिथि शिक्षकों के संबंध में तत्कालीन सीएम द्वारा अलग से पात्रता परीक्षा आयोजित कर नियमित किए जाने की कार्य योजना बनाने की घोषणा की थी. इस पर भी कार्यवाही प्रचलित है. साथ ही अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो इस बात की चिंता हम, हमारी सरकार और हमारे सीएम स्वयं कर रहे हैं.”

‘कांग्रेस अपने भविष्य की चिंता करे’
उन्होंने कहा कि,”कांग्रेस के कर्मी कल्चर से बाहर निकाल कर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने शिक्षकों को एक सम्मान जनक स्थान प्रदान किया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार सदैव शिक्षकों के सम्मान में उनके साथ खड़ी है.”

नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते हुए मंत्री उदय प्रताप सिंह ने लिखा, “आप अपने भविष्य की चिंता करिए.शिक्षकों के सम्मान के साथ देश और प्रदेश की चिंता हम संवेदनशीलता से कर रहे हैं और भविष्य में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में करते रहेंगे.”

उमंग सिंघार ने पूछा ये सवाल
एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर ही शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को जवाब दिया. उन्होंने एक्स पर लिखा,”एमपी में पहले भी बीजेपी सरकार थी. फिर क्या कारण है कि सीएम और शिक्षामंत्री उदय प्रताप सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिए आश्वासनों की अनदेखी कर रहे हैं? उन्होंने अतिथि शिक्षकों के बारे में जो कहा और अखबारों में विज्ञापन छपवाकर प्रचार किया था.”

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने तंजिया अंदाज में कहा, “उदय प्रताप सिंह जी उसका अध्ययन भी कर लें.अतिथि शिक्षकों का अनुबंध पूरे एक साल के लिए होगा. इस आदेश के बावजूद गर्मी की छुट्टियों की आड़ क्यों ली जा रही है? मानदेय के लिए निर्धारित तारीख तय करने की भी बात कही गई थी.”

उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि शिक्षा मंत्री अपने विभाग के दस्तावेजों का अध्ययन कर लें, उसके बाद अतिथि शिक्षकों की बात करें.डॉ मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान के बीच जो भी राजनीतिक जंग चल रही है, उसमें अतिथि शिक्षकों को माध्यम न बनाएं. कांग्रेस ये जुल्म नहीं होने देगी, ये भी स्मरण रखा जाए.

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