MP Election 2023 Dindori Seat Congress Ignored Tok Singh After Left Government Job Spent 60 Lakh Rupees
MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से राजनीतिक पारी की शुरुआत करने के चक्कर में डिंडौरी के एक प्राचार्य ने पहले नौकरी से इस्तीफा दिया और 60 लाख रुपये भी खर्च किए. इसके बाद भी उन्हें कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिला, जिसके बाद उनका विरोध बढ़ गया गवह सड़क में आ गए हैं. पूर्व प्राचार्य टोक सिंह ने कांग्रेसियों पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि अबतक 60 लाख रुपये से अधिक खर्च करने के बाद टिकट न मिलने और नौकरी जाने से वह सड़क पर आ गए हैं. टोक सिंह के पास अब न तो सरकारी नौकरी है और न ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया है और इसकी तैयारी भी कर ली है.
दरअसल, शहपुरा विधानसभा क्षेत्र से निघौरी भानपुर में संचालित शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य टोक सिंह का पांच सितंबर को विभाग ने इस्तीफा मंजूर किया था. टोक सिंह को कांग्रेस की ओर से अहम दावेदार माना जा रहा था. उन्होंने बताया कि पार्टी सर्वे में उनका नाम सबसे ऊपर था. इसके बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया. टोक सिंह को एक लाख 15 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था. लगभग दो साल बाद वो रिटायर होने वाले थे, लेकिन उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर टोक सिंह ने नाराज होकर आरोप लगाया कि, पिछले दो माह से वे लगभग टिकट की आशा में 20 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं.
प्रियंका गांधी के आने पर खर्च किए इतने रुपये
टोक सिंह ने बताया कि, निघौरी भानपुर में कांग्रेस की जन आक्रोश रैली के साथ भुआ बिछिया में कांग्रेस के बड़े कार्यक्रम और रामनगर में प्रियंका गांधी वाड्रा के आगमन पर पांच-पांच लाख रुपये खर्च किए थे. इसके साथ भोपाल और दिल्ली आने जाने में पांच लाख रुपये से ज्यादा पैसे खर्च हो गए. पिछले दस सालों का ब्यौरा देते हुए टोक सिंह ने बताया कि, उन्होंने टिकट की आस में 60 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिया. उन्होंने बताया कि, वे चार बार कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से भी मिल चुके हैं. उन्होंने भी आश्वासन दिया था. बता दें कि, कांग्रेस ने विधायक भूपेंद्र मरावी पर एक बार फिर से दांव लगाया है. उन्होंने अपना पर्चा भी दाखिल कर दिया.
टोक सिंह ने कहा कि, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने मुझे शहपुरा विधानसभा से टिकट देने का बड़ा आश्वासन दिया था. उन्हीं के कहने पर मैंने प्राचार्य पद से इस्तीफा दिया था न तो मुझे टिकट मिला और न ही मेरी नौकरी बची, मैं सड़क पर आ गया हूं. मेरे बच्चे बाहर पढ़ते हैं, मेरे साथ गलत हुआ है. मैं चुनाव तो जरूर लडूंगा. अबतक मैं लगभग 60 लाख रुपये खर्च कर चुका हूं.