MP Budget 2024 Singrauli gives highest revenue to MP Expect Employment Scheme and Airport ANN
MP Budget 2024: मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश होने वाले बजट से विंध्य क्षेत्र की ऊर्जाधानी सिंगरौली जिले के हर आमो खास को बड़ी उम्मीद है. वैसे तो सिंगरौली जिले से प्रदेश सरकार को इंदौर के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है, लेकिन ऊर्जाधानी का यह इलाका आज भी पिछड़ापन का दंश झेल रहा है.
इस इलाके के लोग बजट से काफी उम्मीद लगाकर बैठे हैं. सिंगरौली जिले के खजुरी गांव के पुस्तैनी निवासी अंजनी पाण्डेय बताते हैं कि आज से ठीक 36 साल पहले यहां की कृषि योग्य जमीन का अधिग्रहण कर हवाई अड्डा बनाने के लिए लिया गया था. इस दौरान यहां के कई गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई.
अंजनी पाण्डेय बताते हैं कि 36 साल का समय गुजर गया, लेकिन हवाई अड्डा का सपना अधूरा है. उन्होंने कहा कि हवाई पट्टी 36 सालों में बन पाई है, अब सरकार से उम्मीद है कि हवाई पट्टी को हवाई अड्डा बनाने के लिए बजट का प्रावधान हो.
रोजगार के लिए बड़ी संख्या में पलायान
सिंगरौली जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने की कार्य योजना बनाने की भी जरूरत है. रोजगार के अभाव में ग्रामीणों को पलायन करना पड़ता है.
अपना गांव, घर, परिवार छोड़कर अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है. खासकर ऊर्जाधानी जैसे जिले में यह समस्या है. गांवों में रोजगारपरक प्रशिक्षण शुरू हो जाएं तो कई युवा अपना स्वंय का व्यापार और रोजगार कर सकते हैं।
युवाओं ने की ये मांग
ऋषी श्रृंगी की तपोभूमि सिंगरौली के युवाओं की सबसे बड़ी पीड़ा है कि रोजगार को लेकर सरकारी स्तर पर दावे तो खूब किए जाते हैं, लेकिन हर बार बजट के बाद निराशा ही मिलती है. युवकों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को बजट में युवाओं के लिए नई योजनाओं का प्रावधान करना चाहिए.
रोजगार से संबंधित योजना शुरू करने से पलायन पर अंकुश लगेगा. बजट में लोकलुभावन घोषणाओं के लिए राशि का प्रावधान किया जाना सामान्य बात है, पर ये राशि सिर्फ वोटबैंक को ध्यान में रखकर न की जाए तो बेहतर होगा.
कर्ज के बोझ में दबी है एमपी सरकार
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार भारी कर्ज में डूबी हुई है. फ्री की योजनाओं को चलाने के लिए सरकार को भारी भरकम कर्ज लेने की जरूरत पड़ रही है.
मध्य प्रदेश का बढ़ता हुआ कर्ज किसी दिन वहां के सरकारी कर्मचारियों के वेतन भी रोक सकता है. सैलेरी भी बंद कर सकता है, इसकी वजह यह है कि मध्य प्रदेश के कुल बजट का आठवां हिस्सा कर्ज और किश्त में चला जाता है.
(सिंगरौली से देवेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)
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