MP Assembly Elections 2023 Path To Power Of State Goes Through Malwa-Nimar Region Bjp Congress | MP Election 2023: मालवा- निमाड़ क्षेत्र से होकर जाता है एमपी की सत्ता का रास्ता, जानिए
MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है. मध्य प्रदेश की सियासत में ऐसा माना जाता है कि यहां की सत्ता का रास्ता मालवा- निमाड़ क्षेत्र से होकर गुजरता है. यहां के सियासी गलियारों में ये माना जाता कि जिस पार्टी ने मालवा-निमाड़ क्षेत्र को फतह कर लिया, उसकी प्रदेश में सरकार बन जाएगी. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि मालवा-निमाड़ मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा क्षेत्र है. यहां से मध्य प्रदेश की 66 विधानसभा सीटे आती हैं. साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां की 57 सीटें अपने नाम की थीं, वहीं कांग्रेस (Congress) को साल 2013 में नौ सीटों पर जीत मिली थी.
इसके बाद हुए साल 2018 के चुनाव में आदिवासी मतदाताओं के सहारे कांग्रेस यहां 35 सीटें जीतने में कामयाब रही. वहीं बीजेपी को साल 2018 के चुनाव में इस क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ और वो सिर्फ 28 सीटें जीत पाई, जबकि तीन सीटें निर्दलीय उमीदवारों के खाते में गईं. मालवा-निमाड़ क्षेत्र में आदिवासियों की ठीक-ठाक संख्या है. साल 2018 में मालवा-निमाड़ क्षेत्र की 22 एसटी आरक्षित सीटों में से कांग्रेस ने 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी के हिस्से में सात सीटें आई थीं. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और तमाम बड़े नेताओं ने इस क्षेत्र में रैली की थी.
ग्वालियर-चंबल में पिछले चुनाव में कांग्रेस ने किया था सफाया
मालवा-निमाड़ क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में बीजेपी के राष्ट्रिय महसचिव कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और हिरालाल अलावा का नाम शामिल है. वहीं एक और क्षेत्र ग्वालियर-चंबल की बात की जाए तो यहां साल 2018 में कांग्रेस ने बिल्कुल सफाया ही कर दिया था. साल 2018 में कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की चुनावी जंग और भी अहम हो गई है. वहीं इस क्षेत्र में बीएसपी भी अपना थोड़ा प्रभाव रखती है.
बीएसपी ने भी जीती थीं दो सीटें
बीएसपी ने साल 2018 के चुनाव में इस क्षेत्र में दो सीटें जीती थीं. बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की दिमनी सीट से इस बार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारा है. साथ ही पार्टी सपोटर्स और कार्यकर्ताओं को एक मजबूत संदेश देने की भी कोशिश की है. इसके साथ ही बीजेपी ने ये उमीद जताई है कि इस बार के चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में उसकी कीस्मत बदलेगी. इस बार बीजेपी की कोशिश होगी कि वो इस क्षेत्र में साल 2018 में जीती अपनी सीटों को तो बचाए ही, साथ में कुछ सीटें भी जीतकर अपनी झोली में डाले.
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के लिए ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की सीटों को जीतना उसकी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. वहीं ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के बड़े नेताओं की बात जाए तो इसमें बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह तोमर, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रधुम्न सिंह तोमर, कांग्रेस के गोविंद सिंह जयवर्धन सिंह और रविन्द्र सिंह तोमर का नाम शामिल है.
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