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MP Assembly Elections 2023 Craze Towards Congress Is Such That Worker Got Party Mark Tattooed On Chest In Ichhawar Ann


MP Assembly Elections 2023: विधानसभा चुनावों का समय जैसे-जैसे नजदीकी आता जा रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ताओं के जोश में भी इजाफा हो रहा है. एक ऐसा ही नजारा भोपाल (Bhopal) के नजदीकी जिले सीहोर (Sehore) की इछावर (Ichhawar) विधानसभा में देखने को मिला है, जहां एक कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ता ने अपने सीने पर कांग्रेस का निशान हाथ का पंजा ही गुदवा लिया है. कांग्रेस कार्यकर्ता की यह दिवानगी अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.

इछावर विधानसभा बीजेपी (BJP) का गढ़ है. पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा यहां से सात बार से विधायक हैं. हालांकि 2013 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस से युवा नेता शैलेन्द्र पटेल विधायक चुने गए थे, लेकिन शैलेन्द्र पटेल अपनी विधायकी अगली बार बरकरार नहीं रख सके और करण सिंह वर्मा ने उन्हें 2018 के चुनाव में हरा दिया था. वर्तमान में यहां से करण सिंह वर्मा ही विधायक हैं. अब चुनावों का समय फिर नजदीक आ रहा है. 

पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को भी भाया अंदाज
ऐसे में चुनाव लड़ने की मंशा रखने वाले नेता जहां सक्रिय हो गए हैं, तो वहीं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी पूरे जोश में आ गए हैं. ऐसे कांग्रेस के एक जोशीले कार्यकर्ता का अंदाज इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा दिखाया गया यह जोशीला अंदाज इछावर के पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को भी खूब भाया है. पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल ने कांग्रेस कार्यकर्ता के सीने पर गुदे कांग्रेस के पंजे के निशान के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है.

साथ ही उन्होंने लिखा कि कांग्रेस केवल एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक विचार है. एक क्रांति है. एक जीवन पद्धति है. इसी विचार के द्वारा आई क्रांति से हमारा भारत अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ. कांग्रेस के ही अनेकता में एकता और प्रेम, शांति और विश्व बंधुत्व के भाव को जीवन पद्धति बनाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत कई महान लोगों ने देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया.

46 साल में दो बार मिला कांग्रेस को मौका
पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल ने लिखा कि इछावर के ग्राम ढाबला माता के निवासी रामअवतार प्रजापति ने कांग्रेस का चुनाव चिन्ह अपने सीने पर गुदवाकर जो प्रेम और समर्पण जताया है, इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी. रामअवतार का कांग्रेस के प्रति ये समर्पण और प्रेम ही इस दल को लोगों के दिलों में जिंदा रखे हुए है. इछावर विधानसभा का गठन 1977 में हुआ था. इन 46 साल के दौरान इछावर विधानसभा में कांग्रेस को महज दो बार ही मौका मिल सका है.

साल 1977 में नारायण प्रसाद गुप्ता जनता पार्टी की और से विधायक बने थे. साल 1980 में हरिचरण वर्मा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) से विधायक बने थे. इसके बाद से ही ये गढ़ बीजेपी का हो गया था. साल 1985 में करण सिंह वर्मा यहां से बीजेपी से विधायक बने. उनका यह क्रम साल 1990, 1993, 1998, 2003 और 2008 में जारी रहा. साल 2013 में उनकी यह जीत का क्रम टूट गया और करण सिंह वर्मा युवा नेता कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र पटेल से चुनाव हार गए थे. 2018 में एक बार फिर करण सिंह वर्मा बीजेपी की और से विधायक बने. अब कांग्रेस फिर से जोर लगा रही है.

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