MP Assembly Election 2023 BJP Candidates List Indicates Loss In Seat Sharing Ticket Distribution Formula
MP BJP Candidates List: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कुल चार कैंडिडेट लिस्ट जारी कर दी हैं. वहीं, चौथी लिस्ट चर्चा का विषय बनी हुई है. बीजेपी ने अपनी इस उम्मीदवार सूची में 57 नामों का एलान किया है, जिसमें से 24 मंत्री हैं और बाकी विधायक. लिस्ट के मुताबिक, पार्टी ने उन विधायकों को भी वापस से टिकट दे दिया है, जिनसे कार्यकर्ता नाराज हैं और जिनके खिलाफ स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में रोष है. ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि शायद साल 2018 के विधानसभा चुनाव से बीजेपी ने सबक नहीं लिया. बीजेपी 11 सीटों पर इस वजह से हारी थी क्योंकि नाराज वोटर्स ने ‘नोटा’ को हार-जीत के अंतर से ज्यादा वोट दिए थे. माना जा रहा था कि इसका एक बड़ा कारण पार्टी के पुराने परंपरागत चेहरे रहे.
राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि बीजेपी से नाराजगी के चलते मतदाताओं ने कांग्रेस का साथ न देकर ‘नोटा’ को अपना विकल्प बनाया. जानकारी के लिए बता दें कि 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में बीजेपी को 109 तो कांग्रेस को 114 सीटें मिली थीं. वहीं, बसपा के खाते में 2 सीटें आई थीं. समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलियों को चार सीटें मिली थीं.
11 सीटों पर नोटा को मिले ज्यादा मत
उस दौरान कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों और निर्दल विधायकों के सहारे कमलनाथ की सरकार बना ली थी. आंकड़े गवाह हैं कि प्रदेश के मतदाता बीजेपी से खासा नाराज थे. अगर ऐसा न होता तो नोटा को इतने वोट नहीं मिलते. 11 सीटों पर नोटा को सर्वाधिक वोट न पड़े होते तो प्रदेश में कमलनाथ सरकार के बजाए चौथी बार भी शिवराज सरकार बनती. हालांकि, कुछ ही दिनों बाद हुआ ऐसा ही. कांग्रेस की अंतर कलह के चलते कमलनाथ सरकार गिर गई और मध्य प्रदेश में तख्ता पलट हो गया.
नोटा ने बदल दिए विधानसभा चुनाव के नतीजे
नोटा पर ज्यादा वोट पड़ने के चलते 2018 के विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर ये रहे थे परिणाम-
ब्यावरा में कांग्रेस ने 826 वोट से जीत हासिल की, जबकि नोटा को 1481 वोट मिले.
दमोह में पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया 798 वोट से हारे और नोटा को 1299 मत मिले.
गुन्नौर में भी जीत-हार का अंतर 1984 रहा, लेकिन नोटा को 3734 लोगों ने चुना.
ग्वालियर दक्षिण का फैसला 121 वोटों से हुआ, लेकिन 1550 मतदाताओं ने नोटा दबाया.
जबलपुर में पूर्व राज्यमंत्री शरद जैन 578 वोट से हारे और 1209 लोगों ने नोटा को चुना.
जोबट में 2056 मतों से फैसला हुआ और नोटा में 5139 वोट पड़े.
मंधाता में भी जीत-हार का फैसला 1236 वोटों से हुआ था, जहां 1575 मतदाताओं ने नोटा को विकल्प बनाया.
नेपानगर में बीजेपी प्रत्याशी को जीतने के लिए 732 वोट चाहिए थे पर 2551 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.
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