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MOTN Survey on Chief ministers Decline in popularity of Yogi Adityanath Know Who Is No One CM | MOTN Survey: यूपी में हार का असर या कुछ और? घट गई योगी आदित्यनाथ की पॉपुलैरिटी, जानें


MOTN Survey: चुनावी राज्यों के साथ-साथ मुख्यमंत्रियों को लेकर भी एक सर्वे जारी किया गया है. इस सर्वे में जहां बेहतर मुख्यमंत्री का प्रतिशत बताया गया तो वहीं बीते एक साल में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की लोकप्रियता में आए उतार-चढ़ाव को भी दिखाया गया है.

सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता में गिरावट आई है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन ने करने की वजह से सीएम योगी की लोकप्रितया घटी है. 

बेहतर सीएम कौन?

  • योगी आदित्यनाथ – 33%
  • अरविंद केजरीवाल-14%
  • ममता बनर्जी- 9%
  • एमके स्टालिन- 5%
  • चंद्रबाबू नायडू- 5%

मुख्यमंत्रियों के कामकाज से कितने लोग संतुष्ट हैं?

सर्वे में अगस्त 2023 और अगस्त 2024 यानी कि एक साल में मुख्यमंत्रियों के कामकाज से संतुष्ट लोगों के प्रतिशत को दिखाया गया है.

योगी आदित्यनाथ

अगस्त 2023 में जहां उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काम से 47% लोग संतुष्ट थे वहीं अगस्त 2024 में ये संख्या घटकर 39% पर आ गई.

हिमंता बिस्वा सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की लोकप्रियता जहां अगस्त 2023 में 49% थी तो वहीं अब वो बढ़कर 51% हो गई है यानि की उनके कामकाज से संतुष्ट लोगों की सख्या में मामूली वृद्धि हुई है.

भूपेंद्र पटेल

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कामकाज से अगस्त 2023 में 55% लोग खुश थे लेकिन एक साल बीत जाने के बाद 46% लोग ही उनके कामकाज से संतुष्ट हैं.

अरविंद केजरीवाल

बात अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की करें तो उनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट आई है. जहां एक साल पहले उनके काम से 58% लोग खुश थे तो अब उनके काम से सिर्फ 44% लोग ही खुश हैं. 

एमके स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कामकाज से एक साल पहले 48% लोग खुश थे लेकिन अब उनके कामकाज से 40% लोग संतुष्ट हैं.

ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कामकाज से संतुष्ट लोगों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि देखने को मिली है. अगस्त 2023 में ममता बनर्जी के कामकाज से 32% लोग संतुष्ट थे लेकिन अब ये संख्या बढ़कर 46% हो चुकी है. 

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