Monsoon Session 2023 Delhi Service Bill May Be Introduced In Parliament Today INDIA Alliance Modi Government
Parliament Monsoon Session 2023: 20 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान अब तक संसद का काफी समय हंगामे की भेंट चढ़ चुका है. अब सबकी नजरें सोमवार (31 जुलाई) को होने वाली सदन की कार्यवाही पर हैं. मानसून सत्र में अब तक दो मुद्दे सबसे ज्यादा छाए रहे हैं. पहला मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग और दूसरा दिल्ली अध्यादेश की जगह लाया जाने वाला विधेयक.
पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़े विपक्षी गठबंधन की ओर से संसद में अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया गया है, जिस पर चर्चा और वोटिंग होना बाकी है. माना जा रहा है कि दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित दिल्ली सेवा बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा सांसदों को इसे सर्कुलेट किया गया है. इस बिल का नाम ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ है.
दिल्ली अध्यादेश की जगह लाए जाने वाले बिल पर निगाहें
दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई दिनों से विपक्षी दलों से इस बिल के विरोध में समर्थन जुटा रहे हैं. विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की दूसरी बैठक में आम आदमी पार्टी इसी शर्त पर शामिल हुई थी कि पहले कांग्रेस अध्यादेश वाले मुद्दे पर उसका समर्थन करे. कई विपक्षी दलों ने केजरीवाल को समर्थन करने की बात कही है.
28 जुलाई को केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी दी थी कि दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लाए गए अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को अगले सप्ताह लोकसभा में लाया जाएगा.
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 25 जुलाई को ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ को मंजूरी दी गई थी. यह 19 मई को केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया जाएगा.
विपक्ष के नेता के चेंबर में INDIA गुट के नेताओं की होगी बैठक
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोमवार को सदन के पटल पर अपनी रणनीति के बारे में चर्चा करने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA के नेता सुबह साढ़े नौ बजे विपक्ष के नेता यानी मल्लिकार्जुन खरगे के चेंबर में एक बैठक करेंगे.
इस बैठक में हिंसा प्रभावित मणिपुर का दो दिवसीय दौरा करके आ चुके विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे नेता अपने गठबंधन साथियों को यात्रा की जानकारी देंगे.
विपक्षी दल मानसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा और जवाब की मांग कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी दल ही इससे किनारा कर रहे हैं.
‘…व्यवधान नहीं होना चाहिए’, सत्र से पहले बोले लोकसभा अध्यक्ष
इस बीच संसद सत्र से पहले रविवार (30 जुलाई) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हर गंभीर मुद्दे पर राज्य विधानसभाओं और संसद में चर्चा होनी चाहिए, लेकिन कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए, क्योंकि लोगों को ‘लोकतंत्र के इन मंदिरों’ से बहुत उम्मीदें हैं.
लोकसभा अध्यक्ष की यह टिप्पणी मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आई है. रविवार को गुवाहाटी में असम विधानसभा के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों के विधायकों, सांसदों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा विभिन्न मुद्दों पर सहमति और असहमति भारत के लोकतंत्र की विशेषता है.
उन्होंने कहा, ”लोकतंत्र के मंदिर में हर गंभीर मुद्दे पर बहस, चर्चा, संवाद और बातचीत होनी चाहिए लेकिन राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में कोई व्यवधान या गतिरोध नहीं होना चाहिए. लोगों को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा से बहुत सारी उम्मीदें हैं. लोग आपको बहुत उम्मीदों के साथ यहां भेजते हैं.”
(इनपुट भाषा से भी)
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