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Modi government will bring new Immigration and Foreigners Bill 2025 7 years imprisonment 10 lakh fine


Immigration and Foreigners Bill 2025: भारत में अवैध घुसपैठ को रोकने और अवैध घुसपैठियों को कड़ी सजा देने के लिए भारत सरकार जल्द ही आप्रवासन और विदेशी विधेयक, 2025 (The Immigration and Foreigners Bill 2025) सदन में पेश कर सकती है. बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों (वीजा और पासपोर्ट) के भारत में प्रवेश करता है तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही ऐसे व्यक्ति पर 5 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

2-7 साल की सजा का प्रावधान

बिल के मुताबिक अगर कोई विदेशी व्यक्ति भारत में फर्जी पासपोर्ट या फिर फर्जी वीजा के तहत प्रवेश करता है, तो उसे 2 साल से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है. ऐसे व्यक्ति पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. बिल में यह भी प्रावधान रखा गया है कि किसी विदेशी व्यक्ति को जिस पर पुलिस को शक है कि उसने भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 का उल्लंघन किया है और गंभीर अपराध किया है तो उसे बिना किसी वारंट के ही पुलिस गिरफ्तार कर सकती है और यह गिरफ्तारी हेड कांस्टेबल या उससे ऊपर का कोई अधिकारी कर सकता है. 

ट्रांसपोर्ट कंपनियों की भी जिम्मेदारी होगी तय

इतना ही नहीं ड्राफ्टट्रांसपोर्ट कंपनियों बिल में सरकार ने ट्रांसपोर्ट कंपनियों, हवाई जहाज कंपनी, शिप कंपनी और अन्य ट्रांसपोर्ट वाहनों के संचालकों की भी जिम्मेदारी तय की है. बिल में प्रावधान रखा गया है कि इन कंपनियों और संचालकों को सुनिश्चित करना है कि वे केवल उन यात्रियों को भारत लाएं, जिनके पास सही दस्तावेज हों. अगर कोई कंपनी अवैध रूप से किसी यात्री को भारत लाती है, तो उसे 2 लाख से 5 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. हालांकि इस मामले में इन कंपनियों को अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया जाएगा.

इमिग्रेशन पोस्ट बनाएगी सरकार

बिल में सरकार ने यह भी प्रावधान रखा है कि विश्वविद्यालयों, अस्पतालों या किसी भी संस्था को, यदि वे किसी विदेशी को नौकरी या फिर प्रवेश देते हैं तो उसकी जानकारी सरकार को देनी होगी. नये कानून में यह भी प्रावधान है कि सरकारी एजेंसियां किसी विदेशी नागरिक की आवाजाही पर सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगा सकती हैं और इस प्रतिबंध के कारणों में किसी देश के साथ भारत के संबंध भी शामिल होंगे. इसके तहत भारत सरकार कहीं भी भारत में प्रवेश करने और बाहर जाने के लिए इमिग्रेशन पोस्ट भी बना सकती है.

बिल के मुताबिक फर्जी दस्तावेजों के मामले में इमीग्रेशन अधिकारी का निर्णय आखिरी होगा. इसी तरह बिल में प्रावधान रखा गया है कि यदि कोई विदेशी अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहता है, तो उसे 3 साल तक की जेल या 3 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा. अगर कोई भारतीय नागरिक किसी विदेशी को अवैध रूप से रहने में मदद करता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी.

राष्ट्रीय सुरक्षा होगी मजबूत

इस बिल में मौजूद प्रावधानों के मुताबिक कुछ मामलों में अपराधी को अदालत में जाने के बजाय केवल जुर्माना भरकर मामला सुलझाने की सुविधा दी जाएगी, लेकिन यह सरकारी एजेंसियां तय करेगी कि किन मामलों में यह सुविधा किसी विदेशी नागरिक को दी जाएगी. इसमें बताया गया कि यह नया बिल चार पुराने कानूनों फॉरेनर्स एक्ट, 1946, पासपोर्ट (एंट्री इन इंडिया) एक्ट, 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट, 1939, और इमिग्रेशन (कैरेयर्स लायबिलिटी) एक्ट, 2000 को खत्म करेगा.

यह एक ही व्यापक कानून के तहत सभी नियमों को लाएगा, जिससे प्रक्रियाएं आसान और स्पष्ट होंगी. साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी और अवैध प्रवास रुकेगा. इस बिल में यह भी प्रावधान रखा गया है कि कोई भी विदेशी किसी भी प्रतिबंधित इलाके में बिना वैध परमिशन के नहीं जाएगा. साथ ही इन इलाकों में विदेशी अक्सर जाते हैं और वहां पर स्थानीय प्रशासन जब चाहे तब विदेशियों की एंट्री पर रोक लगा सकता है. 

भारत आने और यहां से जाने के लिए दस्तावेज अनिवार्य

भारत सरकार ने बताया कि चारों कानून को हटाकर इस एक कानून बिल के तहत लाया जा रहा है, क्योंकि पुराने कानूनों का उद्देश्य समान होते हुए भी कुछ प्रावधान आपस में टकराते हैं, जिससे भ्रम और जटिलता बढ़ती है. जिस वजह से सरकार ने फैसला किया है कि इन चारों पुराने कानूनों को समाप्त कर एक नया, स्पष्ट और प्रभावी कानून लाया जाए, जिसे इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल, 2025 कहा जाएगा और इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य विदेशियों और इमिग्रेशन से जुड़े सभी मामलों को एक ही कानून के तहत लाना और भारत में प्रवेश और निकास के लिए पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों की अनिवार्यता तय करना है.

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