Mirwaiz Umar Farooq MMU Leader on JPC after Waqf Amendment Bill discussion
Waqf Amendment Bill: अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व में मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (MMU) के एक प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के लिए बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से मुलाकात की. वक्फ संशोधन बिल पर अपनी आपत्ति और आशंकाओं को जाहिर करने के लिए एमएमयू लीडर्स जम्मू-कश्मीर से नई दिल्ली आए थे. शुक्रवार (24 जनवरी) को जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी के साथ एमएमयू नेताओं की यह बैठक काफी देर तक चली लेकिन इसके बाद एमएमयू की ओर से जो बयान आया उससे साफ जाहिर हो गया कि बातचीत पूरी तरह विफल रही.
JPC के साथ चर्चा के बाद एमएमयू लीडर मीरवाइज उमर फारूक ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में बताया कि वक्फ संशोधन बिल पर सही तरह से चर्चा के लिए जॉइंट पॉर्लियामेंट्री कमिटी गंभीर नजर नहीं आई. उमर फारूक ने यह भी कहा कि वे बस किसी भी तरह इस संशोधन को आगे बढ़ाना चाहते हैं.
‘वे बैठक को जल्दी खत्म करना चाहते थे’
मीरवाइज उमर फारूक ने बताया, ‘एकमात्र मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य (जम्मू-कश्मीर) होने के नाते उन्हें (सरकार को) इस संशोधन पर चर्चा के लिए हमें आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन उल्टा हमें उनसे बार-बार निवेदन करना पड़ा कि इस बिल पर हमसे बातचीत कीजिए.’
मीरवाइज ने बताया, ‘बैठक सम्मानजनक और सौहार्दपूर्ण रही लेकिन जेपीसी सदस्यों के पास बिल को लेकर सही जानकारी नहीं थी और वे इस बैठक को किसी तरह जल्द खत्म करने की कोशिश में थे. हमने कमिटी को यह भी कहा कि अगर वक्फ बोर्ड में किसी तरह की कोई दिक्कत है तो हम सरकार के साथ उस पर बातचीत और उसे सुधारने के लिए तैयार हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि वे किसी भी हाल में इस संशोशन बिल को आगे बढ़ाना चाहते हैं.
जेपीसी में नहीं थे विपक्षी पार्टियों के सांसद
एमएमयू प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में प्रस्तावित वक्फ संशोशन बिल को तत्काल खारिज करने की मांग की. साथ ही यह भी मांग की गई कि इस बिल से जुड़े हितधारकों यानी मुस्लिम समुदाय के साथ बातचीत की जानी चाहिए, धार्मिक स्वायत्तता के लिए सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा की जानी चाहिए. बता दें कि इस बैठक में जेपीसी के विपक्षी पार्टियों के सदस्य मौजूद नहीं थे. शुक्रवार को ही इस समिति के 10 सदस्यों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.
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