mehbooba mufti writes Nitish kumar and chandrababu naidu on Waqf Amendment Bill
Waqf Amendment Bill: संसद का बजट सत्र आज (31 जनवरी) से शुरू हो गया. इस सत्र में बजट के साथ-साथ कई लंबित विधेयक भी पास होने हैं. इन विधेयकों की लिस्ट में ‘वक्फ संशोधन बिल’ भी शामिल है. इस बिल पर चर्चा के लिए बनाई गई जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) ने भी एक दिन पहले अपनी रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंप दी है. यानी साफ है कि केन्द्र सरकार हर हाल में इसी सत्र में इसे पास कराना चाहती है.
विपक्षी पार्टियों ने पिछले कुछ महीनों में इस विधेयक के खिलाफ कई आपत्तियां जताईं लेकिन नतीजा शून्य रहा. विपक्षी सांसदों की बात न तो जेपीसी में सुनी गई और न ही संसद में सुने जाने के कोई आसार हैं. ऐसे में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक नया पैंतरा चला है. उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार को समर्थन दे रहे नितीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से इस बिल को रोकने का निवेदन किया है.
नितीश और नायडू को लिखा खत
महबूबा मुफ्ती ने इन दोनों सेक्यूलर नेताओं के नाम एक खत लिखा है, जिसमें इस बिल को मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों के हनन करने की कोशिश बताया गया है. यह भी लिखा गया है कि यह बिल वक्फ की संपत्तियों को छीनने का एक प्रयास है. महबूबा मुफ्ती ने इस खत को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर शेयर करते हुए नितीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को टैग भी किया है.
इस पोस्ट में मुफ्ती ने लिखा है, ‘प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक न केवल मुसलमानों के धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि वक्फ अधिनियम की स्वायत्तता को कमजोर करके इन संपत्तियों को छीनने का भी प्रयास करता है. मैंने नितीश कुमार जी और चंद्रबाबू नायडू जी को पत्र लिखकर इस बिल को रोकने का आग्रह किया है.
The proposed Waqf amendment bill not only violates the religious & constitutional rights of Muslims but also seeks to snatch these properties by diluting the autonomy of the Waqf Act . Written to @NitishKumar ji & @ncbn ji urging them to halt this onslaught & assault on the… pic.twitter.com/vgaooH9o05
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 31, 2025
नीतीश और चंद्रबाबू नायडू को ही क्यों लिखा गया खत?
नीतीश कुमार की जदयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी वर्तमान में केन्द्र सरकार में शामिल है. केन्द्र की एनडीए सरकार में बीजेपी के बाद यही दो बड़ी पार्टियां है. इन दोनों पार्टियों के पास कुल 28 सीटें हैं. बीजेपी इस बार लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत नही ला सकी थी, ऐसे में इन्हीं दोनों दलों की मदद से वह लगातार तीसरी बार सरकार में है. ऐसे में सदन में इन दोनों दलों की रजामंदी के बिना बीजेपी कोई भी बिल पास नहीं करा सकती. फिर, यह दोनों नेता सेक्युलर छवि वाले हैं. इन दोनों नेताओं के दल को मुस्लिम वोटर्स का अच्छा सपोर्ट हासिल है. ऐसे में यह दोनों नेता चाहे तो इस बिल को रोक सकते हैं.
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