Meghalaya Banned Militant Group HNLC Tells To Govt Withdraw Cases Before Holding Peace Talks
Meghalaya: मेघालय में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन हाइनीवट्रेप नेशनल लिबरेशन काउंसिल (एचएनएलसी) ने कहा है कि संगठन के अध्यक्ष एवं महासचिव केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ जारी शांति वार्ता में तब तक शामिल नहीं होंगे जब तक उनके खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस नहीं ले लिए जाते.
संगठन के अध्यक्ष बॉबी मार्विन ने शुक्रवार (17 नवंबर) को जारी बयान में कहा, ”राज्य सरकार अध्यक्ष और महासचिव की भागीदारी पर जोर देती है. हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे खिलाफ सभी लंबित मामले जब तक वापस नहीं लिए जाते या संघर्ष विराम के लिए किसी रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए जाते, तब तक एचएनएलसी अध्यक्ष या महासचिव वार्ता में भाग नहीं ले सकते.”
उन्होंने कहा, ”हमने अपने नवनियुक्त उपाध्यक्ष टेमिकी लालू को प्रक्रिया पर नजर रखने और इसकी प्रगति का आकलन करने का काम आधिकारिक तौर पर सौंपा है.”
बातचीत व कूटनीतिक प्रयासों से निकालना होगा समाधान
संगठन ने कहा कि शांति वार्ता का उद्देश्य बातचीत और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से समाधान निकालना है लेकिन ऐसा संदेह है कि केंद्र इसे आत्मसमर्पण या निरस्त्रीकरण के रूप में देखता है. उसने कहा, ”हमारा दृढ़ विश्वास है कि स्थायी शांति के लिए राजनीतिक समाधान आवश्यक है. इसलिए यह अहम है कि शांति वार्ता पूर्व निर्धारित शर्तों पर निर्भर न हो.”
‘एचएनएलसी से मैसेज का इंतजार कर रही राज्य सरकार’
मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि हम अब भी एचएनएलसी से संदेश का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि उनके शीर्ष नेता पिछली बैठक में शामिल नहीं हो सके थे. उन्होंने कहा कि जब आप तैयार हों तो कृपया हमें बताएं.
त्रिपक्षीय वार्ता को पिछले साल नियुक्त किए थे पदाधिकारी
एचएनएलसी नेतृत्व ने पिछले साल अगस्त में केंद्र, राज्य सरकार और संगठन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता में भाग लेने के लिए अपने ‘उपाध्यक्ष’ और ‘विदेश सचिव’ को अधिकृत किया था.
एनआईए ने सीमेंट फैक्टरी परिसर बम विस्फोट में फाइल की थी चार्जशीट
राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) ने फिरौती नहीं देने पर दिसंबर 2020 में पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में स्थित स्टार सीमेंट फैक्टरी के परिसर में बम विस्फोट करने के आरोप में प्रतिबंधित संगठन के 4 सदस्यों के खिलाफ उसी महीने आरोपपत्र दायर किया था.
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