MEA S Jaishankar Tells About India China Relation Amid LAC Row he Says Continue To Have Issues
S Jaishankar On India-China Relations: भारत और चीन के बीच कई दशकों से तनावपूर्ण रिश्ते बने रहे, हाल ही में इनको सुधारने की कोशिशें की गईं. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर कहा कि 2020 में जो हुआ, वह मुद्दों को हल करने का तरीका नहीं था. विदेश मंत्री ने कहा कि भविष्य में भी समस्याएं बनी रहेंगी लेकिन उनका समाधान करने के तरीके भी हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले कुछ सालों में भारत-चीन के रिश्तों के बारे में एशिया सोसाइटी के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि भारत और चीन के बीच कम से कम निकट भविष्य में मुद्दे होंगे, लेकिन उन मुद्दों को हल करने के तरीके हैं और 2020 में जो हुआ वह तरीका नहीं था.” पूर्वी लद्दाख में स्थिति बदलने के बाद 2020 में सैन्य झड़प हुई, उसके बाद गतिरोध पैदा हो गया और दोनों देशों के बीच लगभग पांच सालों तक रिश्तों में खटास देखने को मिली.
‘2024 में संबंधों में देखने को मिला सुधार’
जयशंकर ने कहा, “हमें लगता है कि अक्टूबर 2024 से संबंधों में कुछ सुधार देखने को मिला. हम कदम दर कदम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हम 2020 में की गई कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप हुए नुकसान को कम कर सकते हैं या नहीं.”
बीजिंग में हुई बैठक में क्या हुआ?
इन सब के बीच बीजिंग में हुई बैठक के दौरान भारत और चीन ने सीधी उड़ानें और इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने की व्यवस्था समेत भावी संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार किया और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रयास शुरू करने पर सहमति व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, बीजिंग में हुई बैठक में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के हित और चिंता के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर गौर करने और रिश्तों को अधिक स्थिर और बेहतरी के रास्ते पर ले जाने के लिए ‘चरण-दर-चरण’ तरीके से बातचीत तंत्र को बहाल करने पर भी चर्चा की. यह बैठक विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया प्रभाग के संयुक्त सचिव गौरांगलाल दास और चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग के बीच हुई.
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