MEA Advise Nurse Nimisha Priya Mother Not Travel Yemen Due To Terrorism And No Diplomatic Presence
Nimisha Priya: केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया खाड़ी मुल्क यमन में फंस चुकी हैं. निमिषा को यमन की सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. ऐसे में उनकी मां चाहती हैं कि वह यमन में जाकर ‘ब्लड मनी’ या कहें मुआवजा देकर अपनी बेटी को छुड़वा सकें. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने यमन के मौजूदा हालात को देखते हुए हम सलाह देंगे कि वह वहां नहीं जाएं. उनकी मदद के लिए हमारा कोई राजनयिक मिशन यमन में मौजूद नहीं है.
पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट में यमन जाने को लेकर निमिषा की मां प्रेमा कुमारी की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह एक हफ्ते के भीतर यात्रा की इजाजत पर विचार करे. प्रेमा कुमारी चाहती हैं कि वह यमन जाएं और उस यमनी नागरिक के परिवार से समझौता करें, जिसकी 2017 में उनकी बेटी ने हत्या कर दी थी. निमिषा ने अपना जब्त किया गया पासपोर्ट हासिल करने के लिए यमनी नागरिक तलाल अब्दो माहदी की हत्या कर दी थी.
विदेश मंत्रालय में जमा किए यात्रा के लिए दस्तावेज
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के बाद प्रेमा कुमारी और निमिषा प्रिया की 10 साल की बेटी समेत चार लोगों ने विदेश मंत्रालय में जरूरी दस्तावेज जमा किए थे. इन दस्तावेजों को जमा करने के साथ ही उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें यात्रा की इजाजत मिल जाएगी. एक दिसंबर यानी शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में खाड़ी देशों के मामलों के डायरेक्टर तनुज शंकर ने प्रेमा कुमारी को बताया कि उनके जरिए की जाने वाली यात्रा के केस को ध्यानपूर्वक देखा गया है.
यमन जाने की इजाजत से इनकार करते हुए मंत्रालय ने प्रेमा कुमारी को एक चिट्ठी लिखी. इसमें कहा गया कि भारतीय दूतावास को यमन के उथल-पुथल हालात को देखते हुए जिबूती शिफ्ट कर दिया गया है. इसमें लिखा गया, ‘इसलिए हम चिंतित हैं कि आपकी देखभाल करने और आपकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए हमारे पास यमन में कोई राजनयिक मौजूदगी नहीं है. इसके अलावा, सना में वर्तमान व्यवस्था के साथ कोई औपचारिक संबंध स्थापित नहीं किए गए हैं.’
चिट्ठी में आगे कहा गया, ‘आप इस बात को जानती हैं कि हाल के महीनों में हुए घटनाक्रमों की वजह यात्रा के दौरान सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है. ऐसे में यमन जाना आपकी सुरक्षा के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है.’ इसमें आगे कहा गया कि सरकार इस मामले में हर संभव प्रयास कर रही है.
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