MCD में स्टैंडिंग कमिटी के 18वें सदस्य के चुनाव के खिलाफ AAP जाएगी सुप्रीम कोर्ट, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम (MCD) में शुक्रवार को स्टैंडिंग कमिटी के 18वें सदस्य के चुनाव के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका आज ही दाखिल होगी. सीएम आतिशी ने कहा, ‘दिल्ली नगर निगम का एक्ट बिल्कुल स्पष्ट है कि मीटिंग बुलाने की पावर सिर्फ़ मेयर के पास है, कॉर्पोरेशन की बैठक करने का अधिकार सिर्फ मेयर या उनकी गैर मौजूदगी में डिप्टी मेयर के पास है, तो ऐसे में इस गैर लोकतांत्रिक चुनाव के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और आज ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे.’
DMC एक्ट 1957 क्या कहता है?
- MCD स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव कॉर्पोरेशन की मीटिंग में होगा.
- कॉर्पोरेशन की मीटिंग, समय और स्थान तय करना सिर्फ़ मेयर का अधिकार है.
- कॉर्पोरेशन की जब भी मीटिंग होगी, तो उसकी पीठासीन अधिकारी मेयर होगी, अगर मेयर नहीं है तो डिप्टी मेयर होगा.
- स्टैंडिंग कमेटी के एक सदस्य के चुनाव की तारीख, समय और जगह सिर्फ़ मेयर तय कर सकती है.
- जब स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव के लिए सदन बैठेगा, तो इसकी अध्यक्षता मेयर करेगी ये DMC Act कहता है.
आम आदमी आदमी का कहना है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बिना अधिकार होते हुए, एमसीडी कमिश्नर ने बिना अधिकार होते हुए एक IAS अधिकारी एडिशनल कमिश्नर को पीठासीन अधिकारी बनाकर चुनाव करवा दिया. अगर बीजेपी में हिम्मत है, तो आम आदमी पार्टी का मुकाबला चुनाव में करके दिखाएं. अगर MCD का चुनाव करवाना है, तो MCD भंग करो, करवाओ MCD का चुनाव. फिर दूध का दूध और पानी का पानी होने दो कि दिल्ली की जनता किसको चाहती है. हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और आज ही सुप्रीम कोर्ट में हमारी याचिका दाखिल होगी.
भाजपा ने एमसीडी पर गलत तरीके से कब्जा किया- केजरीवाल
इससे पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी की स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर भाजपा की जीत के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने नगर निकाय पर गलत तरीके से कब्जा कर लिया है और जनादेश चुरा लिया है. सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस के पार्षदों ने स्थायी समिति के चुनाव का बहिष्कार किया था. इस चुनाव परिणाम के साथ, भाजपा के पास अब समिति में 10 सदस्य हैं जबकि सत्तारूढ़ आप के पास केवल आठ सदस्य हैं. दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक, केवल महापौर ही एमसीडी सदन की बैठक बुला सकते हैं लेकिन उपराज्यपाल ने इसे बदल दिया और नगर निकाय के अतिरिक्त आयुक्त को ऐसा करने का निर्देश दिया. उन्होंने भाजपा पर ‘गुंडागर्दी’ का सहारा लेने का आरोप लगाया.
सिर्फ 1 सदस्य के चुनाव पर MCD में इतना बवाल क्यों? जानें- 18वां सदस्य कितना महत्वपूर्ण
भाजपा ने दिल्ली नगर निगम की 18 सदस्यीय स्थायी समिति की एकमात्र रिक्त सीट पर शुक्रवार को निर्विरोध जीत हासिल की, क्योंकि सत्तारूढ़ आप और कांग्रेस के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार किया था. भाजपा उम्मीदवार सुंदर सिंह को पार्टी के सभी 115 पार्षदों के वोट मिले, जबकि आप की निर्मला कुमारी को कोई वोट नहीं मिला. स्थायी समिति दिल्ली नगर निगम के संबंध में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है. इस चुनाव परिणाम के साथ, भाजपा के पास अब समिति में 10 सदस्य हैं जबकि सत्तारूढ़ आप के पास केवल आठ हैं. यह पहली बार है कि चुनाव आप और कांग्रेस पार्षदों की भागीदारी के बिना हुआ. भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.
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