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MCD Mayor Election Live: दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के दौरान जमकर हंगामा, कांग्रेस पार्षदों का वॉकआउट




दिल्ली:

दिल्ली में गुरुवार (14 नवंबर) को MCD मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होने जा रहा है. MCD सदन की बैठक दोपहर 2 बजे शुरू हुई है. बैठक में पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) और BJP पार्षद सत्या शर्मा ये चुनाव करा रही हैं. MCD के एडमिनिस्ट्रेटर LG वीके सक्सेना ने पीठासीन अधिकारी के लिए सत्या शर्मा को चुना था. वो सदन में सबसे सीनियर पार्षद हैं. वोटिंग के दौरान कांग्रेस के 8 पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. कांग्रेस का आरोप है कि अनुसूचित जाति का मेयर बनना था. इसलिए चुनाव 5 महीने की देरी से कराए जा रहे हैं. मेयर चुनाव के बीच ही कांग्रेस को झटका लगा है. मोहम्मद खुशनूद और उनकी पार्षद बीवी सबीला बेगम ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदयता से इस्तीफा दे दिया है. सबीला मुस्तफ़ाबाद वार्ड 243 से पार्षद थीं. इस इस्तीफे के बाद पार्टी के बाकी पार्षदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.

इस साल मेयर की सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. मेयर का चुनाव करीब 2.30 घंटे में पूरा होगा. स्वाति मालीवाल, मनोज तिवारी, हर्ष मल्होत्रा, संजय सिंह समेत 10 सांसद पहले मतदान करेंगे. चुनाव की प्रक्रिया के दौरान पार्षदों के सदन में मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी गई है. पीठासीन अधिकारी के मुताबिक, पार्षद के पास मोबाइल पाए जाने पर उनके वोट को अवैध करार दिया जाएगा.

मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के कैंडिडेट?
MCD के मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से महेश खिंची उम्मीदवार हैं. वो देव नगर वार्ड नंबर 84 से पार्षद हैं. BJP ने मेयर पद के लिए किशन लाल को मैदान में उतारा है. AAP ने डिप्टी मेयर उम्मीदवार के तौर पर रविंदर भारद्वाज को उतारा है. ये अमन विहार में वार्ड नंबर 41 से पार्षद हैं. वही, BJP ने अपना मेयर उम्मीदवार किशन लाल और डिप्टी मेयर पद के लिए नीता बिष्ट को घोषित किया है.

सदन में अभी किसके कितने पार्षद?
ये मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि BJP के 114 पार्षद हैं और AAP के 127 पार्षद हैं. जबकि कांग्रेस के 8 पार्षद हैं. निर्दलीय उम्मीदवार 3 सीटों पर जीते थे. लेकिन, इस बीच कुछ पार्षदों ने पाला बदल लिया है. जैसे आम आदमी पार्टी के 8 पार्षद BJP में चले गए. कांग्रेस के एक पार्षद ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली थी.से में मुकाबला बहुत ही नज़दीकी होने की उम्मीद है.

कौन करेगा वोटिंग?
वैसे दिल्ली में पार्षदों की संख्या 250 होती है, लेकिन BJP की पार्षद कमलजीत शेहरावत सांसद बन गईं. इसलिए एक सीट खाली है. ऐसे में मेयर चुनाव में MCD के 249 पार्षद वोटिंग करने वाले थे. लेकिन कांग्रेस के सभी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया है. इसके अलावा 14 विधायक, दिल्ली से लोकसभा के सभी 7 सांसद और राज्यसभा के 3 सांसद भी वोटिंग में हिस्सा लेते हैं. इन 10 सांसदों ने पहले वोट डाला.

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AAP और BJP कितनी मजबूत?
दिसंबर 2022 में हुए नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कुछ पार्षदों के पाला बदलने पर AAP के पास 127 पार्षदों का समर्थन है. इसके अलावा 14 विधायक दिल्ली विधानसभा की ओर से नॉमिनेट हैं. इनमें से 13 आम आदमी पार्टी के और 1 BJP के विधायक हैं. दिल्ली के सभी 7 लोकसभा सांसद BJP के हैं. जबकि 3 राज्यसभा सांसद को भी वोट करना होता है, ये सभी आम आदमी पार्टी के हैं.

क्या है बहुमत का आंकड़ा?
MCD में बहुमत का आंकड़ा 137 है. AAP के पास 127 पार्षद+ 13 विधायक+ 3 राज्यसभा सांसद+ 1 निर्दलीय पार्षद= 144 नंबर हैं.

BJP के पास 103 पार्षद+ 8 AAP के ज्वॉइन किए पार्षद+ 7 लोकसभा सांसद+ 1 विधायक+ 1 निर्दलीय= 120 नंबर हैं.

कांग्रेस के पास केवल 8 पार्षद हैं. जो वॉकआउट कर चुके हैं. 

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पिछली बार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में काफ़ी हंगामा हुआ था. लिहाजा इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सदन के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. पूरे नगर निगम मुख्यालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. 

हर साल क्यों बदलता है MCD का मेयर?
MCD का कैलेंडर फाइनेंशियल ईयर की तरह होता है. यानी इसका कार्यकाल हर साल 1 अप्रैल से शुरू होता है और अगले साल 31 मार्च तक खत्म होता है. दिसंबर 2022 में MCD के इलेक्शन हुए थे. इसमें AAP ने 15 साल से काबिज BJP को हराया था. AAP ने MCD इलेक्शन में 134 सीटों पर जीत हासिल की थी. MCD एक्ट के मुताबिक, मेयर का इलेक्शन हर साल होना है. पहले साल ये पद महिला पार्षद के लिए रिजर्व रहता है. इसलिए AAP पार्षद शैली ओबेरॉय फरवरी 2023 में मेयर चुनी गई थीं. 

दूसरे साल में मेयर का पद जनरल कैटेगरी के लिए रिजर्व रहता है. चुनाव अप्रैल में होना था, लेकिन विवाद के कारण हो नहीं पाया. अब चुनाव कराए जा रहे हैं. तीसरा साल SC कैटेगरी के लिए रिजर्व है. इसके बाद बाकी के दो साल मेयर के पद के लिए फिर से जनरल कैटेगरी के लिए रिजर्व रखे गए हैं.

कैसे बढ़ता का शैली ओबेरॉय का एक्सटेंशन?
दरअसल, दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव पहले 26 अप्रैल को होना था, लेकिन प्रिसाइडिंग ऑफिसर यानी पीठासीन अधिकारी तय न हो पाने के कारण इसे टाल दिया गया. नगर निगम के सेक्रेटरी ने एक नोटिस जारी कर बताया कि दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1957 के सेक्शन 77(a) के तहत पीठासीन अधिकारी का नॉमिनेशन जरूरी है. जिसके बाद चुनाव टाल दिए गए थे. फिर नए मेयर के चुनाव होने तक मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय को पद पर बने रहने को कहा गया.

मेयर चुनाव का गणित जानिए
मेयर चुनाव में एमसीडी के सदस्यों की संख्या 249 है. जब कि दिल्ली में पार्षदों की सांख्या 250 होती है. लेकिन बीजेपी की पार्षद कमलजीत शेहरावत सांसद बन गईं, इसलिए एक सीट खाली है. पार्षदों के साथ ही चुनाव में 14 विधायक, दिल्ली के लोकसभा के सातों सांसद और राज्यसभा के तीन सांसद भी हिस्सा लेंगे.




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