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Maulana Sajid Rashidi statement on Waqf Act said impose President’s rule in west bengal


वक्फ कानून को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिकाओं पर सरकार को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. इसी बीच, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है और इसे लेकर एक अहम बयान दिया है.

मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, “वक्फ कानून को लेकर चल रही बहस में अभी किसी की जीत या हार का सवाल नहीं उठता. न इसमें भारतीय जनता पार्टी की हार हुई है और न ही विपक्ष की कोई जीत हुई है. असली फैसला तो तब होगा जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाएगा.”

मौलाना साजिद रशीदी ने कही ये बड़ी बात

मौलाना साजिद रशीदी ने आगे कहा, “अभी इसमें खुश होने की कोई जरूरत नहीं है. जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है, जो लोग उकसाने का काम कर रहे हैं, उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. मुसलमान मुर्शिदाबाद में बाहर निकले तो दंगा हो गया. मुसलमान ही बाहर निकला, मुसलमान ही लाठी खा रहा है, उन्हीं पर केस हो रहा है. ममता बनर्जी ने इमामों के साथ बैठक कर के शांति की अपील की. आपने ये साबित कर दिया कि इमामों ने ही मुसलमानों को निकाला था.

सरकार पर साधा निशाना

उन्होंने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले आने के बाद भी अगर कोई विरोध प्रदर्शन होता है. अगर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो तो अच्छी बात है, नहीं तो उपद्रव मचाना विरोध प्रदर्शन करना नहीं होता है. जु्ल्म किसी के साथ भी हो जुल्म होता है. जिन लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा तो सरकार कहां है. अगर कोर्ट को ही सारे फैसले लेने पड़ जाएं तो सरकारें क्यों हैं वहां. जहां सरकारें विफल हो जाएं वहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए.”

“विपक्ष चाहता है मुसलमान सड़कों पर रहें”

इससे पहले एएनआई से बात करते हुए साजिद रशीदी ने कहा था कि विपक्ष यही चाहता है कि मुसलमान सड़कों पर रहें. उन्होंने कहा, “इसके दो कारण हैं- एक तो इससे उनकी राजनीति चलती है. दूसरा उनकी मुसलमानों के खिलाफ एक सोच है कि मुसलमान आगे न बढ़ें. मुसलमान सिर्फ पत्थरबाज की लिस्ट में रहें, मुसलमान सिर्फ आतंकवाद और दहशतगर्दी की लिस्ट में रहें.”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उठाए सवाल

मौलाना साजिद रशीदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी वक्फ कानून को राज्य में लागू नहीं करना चाहती थीं तो फिर मुर्शिदाबाद में हिंसा कैसे भड़क गई? उन्होंने पूछा, “मुर्शिदाबाद में लोग सड़कों पर क्यों उतर आए? वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती क्यों करनी पड़ी? ये सवाल ममता बनर्जी से ही पूछे जाने चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी को लोगों को पहले ही समझाना चाहिए था कि राज्य सरकार यह कानून लागू नहीं करेगी इसलिए वे शांति बनाए रखें और घरों में रहें.

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