Maulana Imam Shafiq on Murshidabad Violence says waiting for Meeting with Mamata Banerjee on 16th April
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बीच इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना शफीक ने रविवार (13 अप्रैल,2025) को कहा कि विरोध के नाम पर लोगों पर हमला करना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
कोलकाता में 100 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी नखोदा मस्जिद के इमाम शफीक ने यह भी दावा किया कि दूसरे धर्मों के अधिकांश लोग नए अधिनियम के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने निर्दोष लोगों पर हमले किए हैं, वे वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ किसी भी लोकतांत्रिक विरोध का हिस्सा नहीं हो सकते. उन्होंने जो किया, वह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है.”
‘सभी को अपना धर्म मानने का अधिकार’
शफीक ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “हर किसी को अपने धर्म को मानने का अधिकार है.” शफीक ने आरोप लगाया कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व जो पश्चिम बंगाल के लोगों को बांटना चाहते हैं और राजनीतिक लाभ के लिए अशांति फैलाना चाहते हैं, उन्होंने यह साजिश रची है.
उन्होंने हर समुदाय के सदस्यों से आग्रह किया कि वे उनकी (असामाजिक) चालों से प्रभावित न हों. शहर की कई मस्जिदों के इमामों के साथ आए वरिष्ठ मौलवी ने कहा कि वे 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ प्रस्तावित बैठक का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री उस दिन (16 अप्रैल) वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं के साथ बैठक करने वाली हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ होनी है बैठक
शफीक ने कहा, “(उस बैठक में) बंगाल विभिन्न समुदायों की भागीदारी के साथ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से कानून के खिलाफ लड़ने का रास्ता दिखाएगा. बंगाल विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव बनाए रखने की परंपरा को कायम रखेगा जो सदियों से हमारी पहचान रही है.”
मुर्शिदाबाद हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर हिंसाग्रस्त इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मुर्शिदाबाद में फिलहाल हालात सामान्य हैं.
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