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Manmohan Singh Funeral Time Common People Pay Tribute from Tomorrow at 8.30 AM AICC Headquarters


Manmohan Singh Funeral: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. पूर्व पीएम के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटेकर फूलों से सजे ताबूत में उनके आवास मोतीलाल नेहरू मार्ग पर रखा गया, जहां पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.

कांग्रेस मुख्यालय मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर को पहले कांग्रेस मुख्यालय ले जाया जाएगा, जहां पहले उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके बाद शनिवार (28 दिसंबर 2024) को राजघाट के पास उनका अंतिम संस्कार हो सकता है. देश के प्रधानमंत्री रह चुके जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अंतिम संस्कार भी राजघाट परिसर में हुआ था.

आम जनता कब कर सकेगी अंतिम दर्शन

कांग्रेस महासिचव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पूर्व पीएम की अंतिम यात्रा शनिवार सुबह 9:30 बजे दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होगी. उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह 8 बजे उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा, जहां सुबह 8:30 बजे से 9:30 बजे तक आम लोग और कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने बताया, “अभी किसी भी तरह का कोई कार्यक्रम तय नहीं है. 9-10 बजे के बाद आम जनता को दर्शन की इजाजत मिलेगी.”

भारत में पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान विशेष राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. भारत में पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान विशेष राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है. पूर्व पीएम के पद की गरिमा का सम्मान करने के लिए ऐसा किया जाता है. अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है. इसे सर्वोच्च राजकीय सम्मान का प्रतीक माना जाता है.

मनमोहन सिंह के निधन को पीएम मोदी ने बताया बड़ी क्षति

पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके निधन को राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति बताया. पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें एक दयालु इंसान, विद्वान अर्थशास्त्री और सुधारों के लिए समर्पित नेता के रूप में याद किया जाएगा. पीएम ने कहा कि मनमोहन सिंह का जीवन भविष्य की पीढ़ियों को सिखाता है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों से ऊपर उठकर महान ऊंचाइयों को प्राप्त किया जाए.

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