Manjot Chhabra Family Appeals PM Modi Should Take Cognizance Of The Frequent Deaths Of Coaching Students In Kota ANN
Rampur News: राजस्थान के कोटा में 2 अगस्त को यूपी के रामपुर के रहने वाले कोचिंग छात्र मनजोत छाबड़ा की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी थी जिसकी जांच सीबीसीआईडी कर रही है. मनजोत छाबड़ा के परिजनों ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह कोटा में हो रही छात्रों की मौत का संज्ञान लें और इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने मांग की कि आखिर क्यों कोटा में कोचिंग छात्रों की इतनी अधिक मौतें लगातार हो रही हैं? पीड़ित परिवार को उम्मीद है कि सीबीसीआईडी उनके बेटे की हत्या की जांच निष्पक्षता से करेगी और उसके हत्त्यारों को सजा दिलाएगी. मनजोत छाबड़ा का परिवार यूपी के रामपुर के मिलक में रहता है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर के मिलक निवासी छात्र मनजोत छाबड़ा (17) की मौत 2 अगस्त की रात में बसन्ती रेजीडेंसी में संदिग्ध हालात में मौत हो गयी थी. मनजोत छाबड़ा राजस्थान के कोटा में नीट की कोचिंग कर रहा था. मनजोत छाबड़ा के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे के दोनों हाथ कमर के पीछे बंधे हुए थे और चेहरे पर प्लास्टिक बंधी हुई थी. इसलिए उन्हें पूरा यकीन है कि उसकी हत्या की गयी थी. मनजोत छाबड़ा के परिवार वालों का आरोप है कि राजिस्थान पुलिस उनके बेटे की हत्या को आत्महत्या बता रही थी और पुलिस कोचिंग सेंटर वालों के दबाव में काम कर रही थी. परिजनों के मुताबिक बहुत मुश्किल से उनकी रिपोर्ट लिखी गई. जब राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा से रामपुर के सांसद बलदेव सिंह जाकर मिले तब उनके बेटे की हत्या के मामले की जांच सीबीसीआईडी को दी गयी.
मनजोत छाबड़ा केस में 6 के खिलाफ मामला दर्ज
पीड़ित परिवार का कहना है की उनका बेटा पढ़ाई में बहुत तेज़ था और वह आत्महत्या नहीं कर सकता. परिजनों ने 04 अगस्त को मनजोत छाबड़ा के साथी छात्र लक्ष्य खन्ना और हॉस्टल के मालिक व मैनेजर सहित 4 नामज़द और 2 अज्ञात सहित 6 लोगों के खिलाफ कोटा के विज्ञान नगर थाने में हत्या और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज कराया है. लक्ष्य खन्ना, के एस शाह, उमेश कुमार और मुकेश शर्मा को इस केस में नामज़द आरोपी बनाया गया है. पीड़ित परिवार का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और मौके पर घटना स्थल के वीडियो से साफ़ ज़ाहिर होता है कि मनजोत छाबड़ा की हत्या की गयी है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि कोटा में कोचिंग सेंटरों और हॉस्टल मालिकों से स्थानीय पुलिस दबाव में रहती है.
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