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Manipur Violence TMC Chief Mamata Banerjee Appealed To The People To Maintain Peace For The Sake Of Humanity | Manipur Violence: मणिपुर पर ममता बनर्जी बोलीं


Manipur Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के लोगों से रविवार (30 जुलाई ) को मानवता की खातिर शांति कायम करने की अपील की. उन्होंने मणिपुर के लोगों के साथ खड़े होने का आश्वासन भी दिया. 

ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ”मणिपुर की हृदय विदारक कहानियां सुनकर मेरा दिल बहुत दुखता है. इंसानों को कभी भी नफरत के क्रूर प्रयोगों की पीड़ा नहीं सहनी चाहिए. फिर भी, सत्ता में बैठे लोगों की चुप्पी के सामने, हमें यह जानकर सांत्वना मिलनी चाहिए कि ‘इंडिया’ घावों को भर देगा और मानवता की लौ को फिर से जगाएं.”

बीजेपी नेता अधिकारी ने किया पलटवार
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी ने मणिपुर पर सीएम ममता बनर्जी के ट्वीट पर कहा, ”यह राजनीतिक रूप से दुर्भावनापूर्ण ट्वीट है. सीएम बनर्जी के प्रशासन ने राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. पीएम मोदी की सरकार कुछ ही महीनों में 10 साल पूरे कर लेगी और कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की है और इसकी सुधार हुआ है.” 

दो दिनों के लिए मणिपुर का किया दौरा
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार से दो दिनों के लिए मणिपुर का दौरा किया. गठबंधन में टीएमसी भी शामिल है. उन्होंने कहा, ‘मैं मणिपुर के बहादुर भाइयों और बहनों से मानवता की खातिर शांति अपनाने का आग्रह करती हूं. हम आपके साथ खड़े हैं, अटूट समर्थन और करुणा की पेशकश कर रहे हैं.’

160 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पूर्वोत्तर राज्य की आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं.

वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं. मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए. जिससे कुकी के समान आर्थिक लाभ और सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कोटा का अधिकार मिले. 

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