Manipur Violence How A 5 AM Request To High Court Acting Chief Justice Averted Fresh Clashes Today – मणिपुर हिंसा: सुबह 5 बजे HC के चीफ जस्टिस से एक गुजारिश ने टाल दी मैतेई-कुकी के बीच नई झड़प
इंफाल:
मणिपुर हाईकोर्ट (Manipur Highcourt) ने गुरुवार सुबह 5 बजे हुई तत्काल सुनवाई के बाद उस प्रस्तावित भूमि के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, जहां हाल ही में जातीय झड़पों (Manipur Violence) में मारे गए कुकी समुदाय के सदस्यों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया जाना है. अदालत ने कहा, ”पहले से ही अस्थिर कानून और व्यवस्था की स्थिति के बिगड़ने की संभावना और दोनों ओर से बड़ी भीड़ के इकट्ठा होने के कारण हिंसा और खून-खराबे की एक नई लहर भड़कने की आशंका को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश पारित किया जाना जरूरी है.” हालांकि, अदालत का आदेश आने के बाद मैतेई और कुकी-ज़ो जनजातियों के समूहों के बीच एक संभावित हिंसक झड़प आज टल गई.
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कुकी-ज़ो जनजातियों ने जातीय संघर्ष के पीड़ितों के लगभग 35 शवों को टोरबुंग में दफनाने की योजना बनाई. इस क्षेत्र में मई और जून में तीव्र हिंसा देखी गई थी. घाटी-बहुसंख्यक मैतेई लोगों ने सामूहिक दफनाने का विरोध किया, क्योंकि उन्हें शक था कि कुकी- जनजाति इसे ‘स्मृति स्थल’ में बदलकर नई जमीन पर दावा करेगी. इसके बाद मैतेई नागरिक समाज समूह ने रातों-रात हाईकोर्ट में याचिका दायर की. इस दौरान मैतेई लोगों के बड़े समूहों ने विरोध स्वरूप लाशों को दफनाने की जगह ओर बढ़ना शुरू कर दिया. कुकियों ने यहां की खुदाई की थी. ऐसे में अस्थिर स्थिति पैदा हो गई. ये सब बुधवार आधी रात को हुआ.
अदालत ने कुकी-ज़ो जनजातियों के प्रतिनिधियों से यह भी कहा कि वे एक हफ्ते के अंदर मृतकों को दफ़नाने के लिए सरकार से ज़मीन मांग सकते हैं. यह याचिका इंटरनेशनल मैतेई फोरम की ओर से दायर की गई थी.
सुबह 5 बजे सरकार के वकील इंफाल में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के आधिकारिक आवास पर गए और मामले को तत्काल उठाने का अनुरोध किया. क्योंकि दोनों पक्ष हिंसा के लिए आमने-सामने थे. किसी भी समय हिंसा भड़कने की संभावना थी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने अनुरोध स्वीकार करते हुए सुबह 6 बजे मामले की सुनवाई की और अंतरिम आदेश दिए. अब मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को तय की गई.
सुनवाई के दौरान, भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल समरजीत ने अदालत को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने तनावपूर्ण स्थिति को संभालने के लिए राज्य सरकार के अनुरोध पर पहले ही अतिरिक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और सेना के जवानों को तैनात कर दिया.
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