Manipur Violence Amid rising tensions Centre took an overnight decision and deployed 20 more CAPF companies ANN
Manipur Violence: बढ़ती हिंसा के मद्देनज़र गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मणिपुर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं, जिनमें लगभग 2,000 कर्मी शामिल हैं. यह निर्णय पूर्वोत्तर राज्य में ताजा हमलों और बढ़ती अशांति के मद्देनजर आया. मंगलवार (12 नवंबर) रात को तत्काल एयरलिफ्ट और तैनाती के आदेश जारी किए गए.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से प्राप्त नई इकाइयों से क्षेत्र में पहले से ही तैनात 198 सीएपीएफ कंपनियों को मजबूत करने की उम्मीद है. ये तैनाती सोमवार (11 नवंबर) को जिरीबाम जिले में एक हिंसक टकराव के बाद हुई है जहां हथियारों से लैस विद्रोहियों ने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और जकुराधोर में पास के सीआरपीएफ शिविर पर हमला किया था.
इंफाल घाटी के साथ-साथ अलग-अलग इलाकों में बढ़ा तनाव
इस लड़ाई के दौरान, कम से कम 10 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए और अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा जब्त किया गया. मणिपुर में नए सिरे से हुई हिंसा, जिसमें शुरू में मई 2023 में जातीय संघर्ष शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 200 मौतें हुईं. इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से इंफाल घाटी में तनाव बढ़ा दिया है.
हिंसा जारी रहने पर बढ़ाई जाएगी सैनिकों की संख्या
जिरीबाम में हुई घटना के बाद, घाटी में सशस्त्र समूहों के बीच झड़प की खबरें सामने आईं, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति तनावपूर्ण हो गई. सीएपीएफ इकाइयों के कम से कम 30 नवंबर तक राज्य में तैनात रहने की संभावना है. हालांकि, हिंसा जारी रहने पर ये सीमा और संख्या दोनों को बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
जिरीबाम की घटना के बाद घाटी में सशस्त्र समूहों के बीच झड़प की खबरें सामने आईं, जिससे कानून और व्यवस्था की स्थिति और भी खराब हो गई. एक अधिकारी ने बताया कि मणिपुर की वर्तमान स्थिति की निगरानी के बाद गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है और उन्हें हवाई मार्ग से लाकर तत्काल इकाइयों में तैनात करने का निर्णय लिया गया है.
ये भी पढ़ें: ‘सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा झूठ’, मणिपुर पुलिस ने बताया आतंकियों को कैसे किया ढेर