Manipur Crisis Mallikarjun Kharge demands PM Modi apology BJP failure Congress Double Engine Government | Manipur Crisis: मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन तो खरगे BJP पर ही हो गए नाराज, बोले
Manipur News: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बीजेपी पर सीधा आरोप लगाया कि राज्य में अशांति के लिए वही जिम्मेदार है. खरगे ने लिखा कि मणिपुर में पिछले आठ सालों से बीजेपी की सरकार थी और केंद्र में भी पिछले 11 सालों से बीजेपी शासन कर रही है ऐसे में राज्य की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उन्हीं की थी.
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में कहा कि केंद्र सरकार ने मजबूरी में राष्ट्रपति शासन लगाया है, क्योंकि राज्य में बीजेपी की नाकामी की वजह से संवैधानिक संकट पैदा हो गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के अपने ही विधायक सरकार की जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं थे जिससे ये साफ होता है कि मणिपुर में प्रशासनिक विफलता की स्थिति थी.
.@narendramodi ji
It is your party which has been ruling at the Centre for 11 years.
It is your party which was ruling Manipur for 8 years.
It is the BJP which was responsible for maintaining Law & Order in the state.
It is your government which is responsible for…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 14, 2025
पीएम को मणिपुर जाकर माफी मांगनी चाहिए – खरगे
खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी को घेरते हुए लिखा कि बीजेपी की ‘डबल इंजन सरकार’ मणिपुर के निर्दोष लोगों के जीवन पर भारी पड़ी है. उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री को खुद मणिपुर जाकर लोगों की पीड़ा सुननी चाहिए और उनसे माफी मांगनी चाहिए. खरगे ने आगे कहा कि मणिपुर की जनता बीजेपी और प्रधानमंत्री को कभी माफ नहीं करेगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर कांग्रेस अध्यक्ष का सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मणिपुर में कानून व्यवस्था बनाए रखना और सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी थी, लेकिन इसमें सरकार पूरी तरह विफल रही. खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी से सीधा सवाल किया कि क्या उनमें मणिपुर के लोगों से माफी मांगने और उनकी तकलीफें सुनने का साहस है?