Mallikarjun Kharge Piyush Goyal Shouted Down Each Other In Rajya Sabha Over Bihar And Jharkhand Crisis – राज्यसभा में नीतीश कुमार-चंपाई सोरेन को लेकर भिड़े खरगे और पीयूष गोयल, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली:
संसद के उच्च सदन राज्यसभा में 2 फरवरी (शुक्रवार) को केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के बीच जोरदार बहस हुई. बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) में हालिया सियासी संकट को लेकर दोनों सांसदों ने एक-दूसरे पर निशाना साधा. खरगे ने पूछा कि बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही नई गठबंधन सरकार बन गई और नीतीश दोबारा सीएम बन गए. लेकिन, झारखंड में चंपाई सोरेन (Champai Soren) को सीएम पद के शपथ ग्रहण के लिए 48 घंटे तक का इंतजार क्यों करना पड़ा? इसके जवाब में पीयूष गोयल (Piyush Goyal)ने कांग्रेस (Congress) पर भ्रष्टाचार को लेकर तंज कसे.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन का शपथ ग्रहण आज दोपहर को पूरा हुआ. उन्हें बुधवार शाम को ही विधायक दल का नेता चुन लिया गया था फिर भी शपथ ग्रहण में करीब 48 घंटे की देरी हुई. दूसरी ओर, बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण कुछ ही घंटे में हो गया था.”
खरगे ने यह भी कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने सीएम पद छोड़ दिया था. उन्होंने चंपाई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी भी नॉमिनेट कर दिया था. उन्हें विधायकों का समर्थन भी हासिल था. लगभग 43 विधायकों ने साइन किए थे. फिर भी ऐसा क्यों हुआ? आखिर राज्यपाल ने स्थिति को क्यों लटका के रखा? कांग्रेस नेता ने कहा, “हम सभी राजनीति में हैं… हम वैकल्पिक व्यवस्था वाली बात को समझते हैं.”
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इसके जवाब में पीयूष गोयल ने कहा, “अब तो साबित हो गया कि कांग्रेस के DNA में ही भ्रष्टाचार है. मैं हैरान हूं…झारखंड में इतना भ्रष्टाचार है. जिस तरह से मुख्यमंत्री ने जमीनें इकट्ठी कीं…बहुत सारे सबूत है. फिर भी कांग्रेस उनका बचाव कर रही है.”
गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “यह कांग्रेस की तरह नहीं है, जिसने विधायकों की एक लिस्ट दी और फर्जी साइन करा लिए.” गोयल बीजेपी के 2018 के आरोपों का जिक्र कर रहे थे. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए समर्थन का दावा करते हुए राज्यपाल को लिखे लेटर में विधायकों के जाली साइन किए थे.”
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