Maharashtra Shiv Sena leader Kiran Pawaskar Said opposition alliance MVA only interested in power
Maharashtra Politics: शिवसेना नेता किरण पावस्कर ने शनिवार (15 जून) को विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि महा विकास आघाडी (MVA) के सहयोगियों की रुचि केवल सत्ता में है. उनमें से हर एक के पास मुख्यमंत्री पद के लिए दो से तीन दावेदार हैं. एमवीए नेताओं द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पलटवार करते हुए पावस्कर ने मुस्लिम वोटों का संदर्भ देते हुए लोकसभा चुनावों में उनकी सफलता का श्रेय ‘एम’ फैक्टर को दिया.
उन्होंने कहा कि एमवीए के सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा (एसपी) अब इसका श्रेय लेने की होड़ में हैं. पावस्कर ने कहा कि “हर पार्टी में शीर्ष पद के लिए दो-तीन दावेदार हैं. इससे पता चलता है कि एमवीए दलों का लोगों की चिंताओं से नहीं बल्कि सत्ता से लगाव है.” उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले की अनुपस्थिति को लेकर भी एमवीए पर कटाक्ष किया.
जानें चुनावी आंकड़ें
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 30 सीटों पर एमवीए ने जीत हासिल की. इसके विपरीत महायुति गठबंधन को 17 सीटें मिलीं. बीजेपी की सीटें 2019 में 23 थी, जो घटकर नौ हो गईं. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सात सीटें जीतीं, जबकि अजित पवार की राकांपा को केवल एक सीट मिली. पावस्कर ने दावा किया कि कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर 22 सीटें जीती हैं, वो शिवसेना (यूबीटी) को धोखा देंगे, जिसे नौ सीटें मिली हैं.
उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार मुस्लिम वोटों की मदद से जीते हैं, जबकि मराठी लोगों ने पार्टी को नजरअंदाज किया. उन्होंने कहा कि इस तथ्य को शिवसेना (यूबीटी) को स्वीकार करना चाहिए. महाराष्ट्र में आम चुनावों में एमवीए की जीत से उत्साहित उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि यह केवल एक शुरुआत है और विपक्षी गठबंधन राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखेगा.
बीजेपी ने किया कटाक्ष
जबकि नागपुर में बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एमवीए और सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच वोटों का अंतर महज 0.3 प्रतिशत था. उन्होंने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव में लोग बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को वोट देंगे, क्योंकि वो जानते हैं कि एमवीए को सत्ता देने से नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रही कल्याणकारी परियोजनाएं रुक जाएंगी. एमवीए के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में उन्होंने कहा कि विपक्षी खेमे में बहुत से नेता मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ में हैं.
उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “वोटों में अंतर सिर्फ 0.3 प्रतिशत था, लेकिन कुछ लोग इसे बड़ी सफलता बता रहे हैं. लोग विधानसभा चुनावों में महायुति को वोट देंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि एमवीए सरकार मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को रोक देगी.” उन्होंने ठाकरे के इस दावे का खंडन किया कि आम चुनावों में समाज के सभी वर्गों ने एमवीए को वोट दिया. बावनकुले ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के 51 प्रतिशत वोट मुसलमानों के थे, जो उन्हें पिछले ढाई वर्षों के हिंदू विरोधी रुख के कारण मिले.