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Maharashtra NCP Crisis Ajit Pawar Vs Sharad Pawar Election Commission Hearing Today On Symbol


Maharashtra NCP Crisis: शिवसेना में वर्टिकल विभाजन के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में अजित पवार के विद्रोह के कारण एनसीपी दो गुटों में बंट गई. अजित पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर शिवसेना (शिंदे ग्रुप) और बीजेपी से हाथ मिला लिया. इसके बाद से अजित पवार के साथ आए विधायकों के साथ-साथ अजित पवार भी एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार के तौर पर प्रचार करने लगे. एनसीपी किसकी है अब इसकी लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है. इस मामले में आज चुनाव आयोग के सामने सुनवाई होगी. आज चुनाव आयोग क्या भूमिका निभाएगा? इस बात पर सभी की नजर बनी हुई है. क्या चुनाव आयोग कोई फैसला लेगा या नई तारीख देगा? ये देखना अहम होगा. 

एनसीपी किसकी?
शिवसेना में सिंबल की लड़ाई के बाद अब चुनाव आयोग में एनसीपी के सिंबल की लड़ाई चल रही है. अब चुनाव आयोग तय करेगा कि एनसीपी किसकी है. पार्टी में फूट है या नहीं? यह तय कर चुनाव आयोग को निर्णय लेना है. शरद पवार गुट का दावा है कि पार्टी में कोई फूट नहीं है, पार्टी हमारी है. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग पार्टी के संविधान, विधायकों-सांसदों की संख्या और पदाधिकारियों की संख्या की जांच के बाद फैसला लेगा.

इस लड़ाई में भी शिवसेना की तरह हलफनामे और दस्तावेजों की लड़ाई तेज है. बताया जा रहा है कि पवार ग्रुप की ओर से 8 से 9 हजार दस्तावेज जमा कराए गए हैं. शरद पवार गुट ने यह भी दावा किया है कि दस्तावेज अजित पवार गुट से भी ज्यादा हैं. पवार गुट की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग के सामने पक्ष रख रहीं हैं.

NCP में प्रतीकों की लड़ाई का घटनाक्रम
अजित पवार गुट ने 2 जुलाई को शपथ ली थी. 
शरद पवार गुट ने 5 जुलाई को चुनाव आयोग को कैविएट सौंपी थी.
अजित पवार गुट ने दावा किया था कि 30 जून को हुई बैठक में अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था.
यह भी दावा किया गया था कि 40 विधायक उनके पक्ष में थे.

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