Maharashtra CM Eknath Shinde On Maratha Reservation Kunbi Caste Certificate To Those People Who Have Nizam Era Records
Kunbi Caste Certificate: मराठा आरक्षण के मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि कुनबी जाति प्रमाण पत्र उन लोगों को दिया जाएगा जिनके पास राजस्व और अन्य निजाम युग के रिकॉर्ड हैं. मुख्यमंत्री शिंदे की इस घोषणा से मराठा आरक्षण के लिए जालना में चल रही मनोज जारांगे की भूख हड़ताल सफल होने के संकेत मिल रहे हैं.
क्या थी मनोज जारांगे की मांग?
जालना में अनशन पर बैठे मनोज जारांगे ने मांग की थी कि मराठवाड़ा में मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाए. अब राज्य सरकार ने उनकी मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आंदोलनकारी मांग कर रहे थे कि कुनबी प्रमाण पत्र उन लोगों को दिया जाना चाहिए जिनके पास राजस्व और अन्य निज़ाम युग के रिकॉर्ड हैं. आज की कैबिनेट बैठक में हमने निर्णय लिया है कि जिनके पास रिकॉर्ड होगा, उन्हें सर्टिफिकेट दिया जायेगा. इस रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे और अन्य अधिकारियों की पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि समिति कुछ दिशानिर्देश तय करने का काम करेगी.
रिटायर जज की अध्यक्षता में बनी कमेटी क्या करेगी?
आंदोलन के माध्यम से, मनोज जारांगे ने ‘निजाम काल के राजस्व रिकॉर्ड की जांच करके उन लोगों को कुनबी के रूप में मान्यता देने’ की मांग की है जो पहले कुनबी के रूप में पंजीकृत थे. इसी के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा समिति का गठन किया जा रहा है.
यह समिति राजस्व, शैक्षिक और संबंधित रिकॉर्ड की जांच करेगी और मांग के अनुसार निजाम युग के ‘कुनबी’ रिकॉर्ड वाले मराठा समुदाय को ‘कुनबी’ प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया (एसओपी) निर्धारित करेगी और ऐसे मामलों की वैधानिक और प्रशासनिक जांच करेगी. कमेटी इस संबंध में एक माह में रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी. सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की अध्यक्षता में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कानून और न्याय विभाग के प्रमुख सचिव और सभी संबंधित जिलों के कलेक्टर सदस्य के रूप में काम करेंगे. साथ ही औरंगाबाद (छत्रपति संभाजी नगर) के संभागीय आयुक्त समिति के सदस्य सचिव होंगे. राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली पूर्ववर्ती समिति इस समिति को पूरक जानकारी उपलब्ध कराने का भी काम करेगी.