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Maharashtra Assembly Election 2024 Solapur Police Gave notice to AIMIM Chief Asaduddin Owaisi on stage 15 Minuite Speech | असदुद्दीन ओवैसी को भरे मंच पर सोलापुर पुलिस का नोटिस, दी खास हिदायत तो बोले


Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. अब सोलापुर पुलिस ने ओवैसी को नोटिस थमा दिया है. खास बात यह है कि यह नोटिस भरे मंच पर दिया गया. वे सोलापुर की मध्य विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार फारूक शाब्दी की रैली में शामिल होने के लिए आए थे, इसी दौरान औवेसी को नोटिस दिया गया. पुलिस ने भारतीय नागरिक संहिता की धारा 168 के तहत ओवैसी को नोटिस जारी किया है. 

सोलापुर पुलिस की तरफ से दिए गए नोटिस में ओवैसी को किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाने और भड़काऊ भाषण ना देने की हिदायत दी गई है.

‘पुलिस कैसे नोटिस भेज सकती है? ‘
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंच पर अपने संबोधन के दौरान नोटिस के बारे में बोलते हुए कहा कि 9.45 हो गए हैं 15 मिनट अभी बाकी है. मैंने लिखा नोटिस में लिखा कि मैंने नोटिस रिसीव कर लिया है. लेकिन, मुझे ये समझ नहीं आया कि आचार संहिता के दौरान पुलिस कैसे नोटिस भेज सकती है. जबकि  आचार संहिता लागू होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर पुलिस को कंट्रोल करता है ऐसे में पुलिस कैसे बिना रिटर्निंग ऑफिसर की परमिशन के नोटिस भेज सकती है. लेकिन मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है.

‘PM मोदी को नोटिस क्यों नहीं दिया’
ओवैसी ने कहा कि मैंने नोटिस के जवाब में लिखा है कि मैंने करीब सभाओं को संबोधित किया है. पीएम मोदी को नोटिस नहीं दिए तो ओवैसी को क्यों दिए. 3 दिन पहले पीएम मोदी आए थे उनको नोटिस नहीं दिए तो मुझे क्यों?  AIMIM चीफ ने बीजेपी नेता नीतेश राणे का नाम लिए बिना कहा कि जो मस्जिद में घुसकर मारने की धमकी देते हैं उन्हें नोटिस नहीं दिया हमें नोटिस दिया. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस वोट जिहाद, धर्मयुद्ध की बात करते हैं क्या इलेक्शन वोट जिहाद और धर्म युद्ध है.

‘ये मेरे लिए मेडल है’
उन्होंने आगे कहा कि जब 18 नवंबर को अपनी बीबी से मिलूंगा तो वो पूछेगी कि क्या लेकर आए तो मैं कहूंगा कि तब मैं उन्हें नोटिस दिखाकर कहूंगा कि ये लेकर आया हूं इसको फ्रेम करके घर में रखूंगा, ये मेरे लिए मेडल है. जवानी में तो लव लेटर ना लिखें ना मिले, लेकिन बुढ़ापे में मिल रहे हैं. मगर मैं जवान हूं मेरी ढ़ाढी को देखकर लोग बोलते हैं कि सफेद हो गई हैं लेकिन शेर कभी बुढ्ढा नहीं होता. बंदर कितना भी बुढ्ढा हो जाए, गुलाठी मारना नहीं भूलता. ओवैसी ने आगे कहा कि नोटिस अगर रिटर्निंग ऑफिसर अगर देते तो कोई बात नहीं थी. ये तो पुलिस ने दिया. इससे ज्यादा तकलीफ ये है कि पीएम मोदी आए थे जबकि उन्होंने बोला था एक हैं तो सेफ हैं क्या मतलब है. 

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