mahamandaleshwar laxmi narayan Tripathi on Ajay das action on Kinnar akhada over Mamta Kulkarni row | Kinnar Akahada: किन्नर अखाड़े में ड्रामा! अब लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी बोले
Kinnar Akahada: बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाने के बाद से किन्नर अखाड़े में ड्रामा जारी है. पिछले एक हफ्ते से लगातार यह अखाड़ा सुर्खियों में बना हुआ है. अब शनिवार (1 फरवरी) को इस अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की एक प्रेस रिलीज ने यह बता दिया है कि यह ड्रामा आगे भी कुछ दिन चलता रहेगा.
दरअसल, खुद को इस अखाड़े का संस्थापक कहने वाले ऋषि अजय दास ने शुक्रवार (31 जनवरी) को एक ऐलान किया था, जिसमें किन्नर अखाड़े से आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को उनके पद से हटाने और उन्हें अखाड़े से ही बाहर करने की बात कही गई थी. उनके साथ ही नई-नई महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी को भी अखाड़े से बाहर करने का ऐलान किया गया था. ऋषि अजय दास के पास ये सब करने का अधिकार है या नहीं, ये तो स्पष्ट नहीं है लेकिन उनके ऐलान ने कलह तो बढ़ा ही दी थी.
अब इसके जवाब में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने एक प्रेस रिलीज जारी की है. इसमें वह एक शिव और शिवा की प्रार्थना के साथ लिखती हैं कि उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि कोई एक आदमी उन्हें इस पद से नहीं हटा सकता.
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने लिखा, “अपने ऊपर लगाए गए सभी प्रश्नों और आरोपों पर स्पष्टीकरण देने से पूर्व, मैं सबसे पहले इस दिव्य प्रार्थना से आरम्भ करना चाहती हूं.
चम्पेयगौरार्ध-शरीरकायै कर्पूरगौरार्ध-शरीरकाय।
धम्मिल्ल-दीव्याम्बर-आलंकृतायै नमः शिवायै च नमः शिवाय॥
अर्थात चम्पा के पुष्प के समान गौरवर्ण वाले अर्ध शरीर वाली देवी और कपूर के समान उज्ज्वल अर्थ शरीर वाले देव, जो दिव्य आभूषणों और वस्त्रों से अलंकृत हैं, उन्हें बारंबार नमन, जो शिव भी हैं और शिवा भी.
मैं, आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, हाल ही में श्री ऋषि अजयदास (ऋषि अजय मरवेदी) द्वारा जारी की गई उस प्रेस विज्ञप्ति का उत्तर देना चाहता/चाहती हूं जिसमें मेरे विरुद्ध कई बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं. एक प्रसिद्ध ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट, किन्नर समुदाय के आध्यात्मिक व सामाजिक पुनर्जागरण में अग्रणी, तथा सनातन धर्म एवं भारत की वैश्विक सांस्कृतिक पहचान के लिए निरंतर कार्यरत व्यक्ति के रूप में, मैं इन सभी आरोपों का खंडन करता/करती हूं.
सबसे पहले यह दावा कि मुझे किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद से मुक्त कर दिया गया है, निराधार और पूरी तरह से असंगत है. मेरा यह पद किसी एक व्यक्ति की नियुक्ति या सहमति पर नहीं आधारित नहीं था बल्कि 2016-16 उज्जैन कुंभ के दौरान किन्नर समुदाय के प्रतिष्ठित संतों, महंतो और नेताओं द्वारा मुझे सामान्य रूप से मान्यताएं प्रदान की गई थी.”
क्या है पूरा मामला?
आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने शुक्रवार (24 जनवरी) को किन्नर अखाड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महामंडलेश्वर के रूप में ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक किया था. इसके बाद से संत समाज का एक वर्ग नाराज था. कई संतों ने ममता के महामंडलेश्वर बनने पर आपत्ति जताई. किन्नर अखाड़े के संस्थापक कहे जाने वाले ऋषि अजय दास ने भी इसे गलत बताते हुए कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी अखाड़े में मनमानी कर रहे हैं. साल 2015 में उज्जैन में किन्नर अखाड़ा बनाया गया था और इसकी स्थापना की पहल अजय दास ने की थी. अजय दास का कहना है कि मैंने अखाड़ा किन्नरों के लिए बनाया था लेकिन ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाकर यह लोग किन्नर समाज का हक मार रहे हैं. यही कारण है कि इस घटना के एक हफ्ते के अंदर ही अजय दास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े से बाहर करने का ऐलान किया था.
यह भी पढ़ें…