mahakumbh stampede and death sp leader akhilesh yadav questioned in loksabha
महाकुंभ को लेकर संसद के दोनों सदनों में मंगलवार (4 फरवरी, 2025) को आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई मौतों के मुद्दे पर यूपी सरकार को घेरा. वहीं, बीजेपी सांसदों ने अखिलेश यादव के बयान को गुमराह करने, कुंभ की भव्यता को कमतर कर पेश करने और सनातन का अपमान करने की कोशिश बताया.
महाकुंभ में मरने वालों के लिए लोकसभा में मौन धारण की मांग
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मांग करते हुए कहा, “महाकुंभ में मरने वाले लोगों के लिए लोकसभा में मौन धारण किया जाए. महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े सामने लाए जाएं. महाकुंभ में आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए. महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो. साथ ही कहा कि जिन्होंने सच छिपाया, उनको दंडित किया जाए.”
अखिलेश यादव ने लोकसभा में सवाल उठाते हुए कहा, “अगर सरकार को अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े मिटाए क्यों गए? इस अपराध का दंड कौन भुगतेगा? अखिलेश से कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया कि सौ करोड़ लोगों के लिए इंतजाम किए गए हैं”. उन्होंने आगे कहा, “जब ये जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई, तब सरकार हेलीकॉप्टर में भरकर फूल डालने लगी. ये कहां की सनातनी परंपरा है? जहां लाशें पड़ी हों, न जाने कितनी चप्पलें पड़ी थीं, महिलाओं की साड़ियां पड़ी थीं. उनको कैसे उठाया गया. ट्रैक्टर की ट्रॉली से, उन्हें उठाकर कहां फेका, कोई नहीं जानता. जब लगा कि वहां से बदबू आ रही है तो सरकार के लोग छिपाने लगे.”
अखिलेश के पास सबूत है तो पेश करें- बीजेपी सांसद
सपा प्रमुख के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी सांसद और यूपी के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, “अगर उनके पास ऐसा कोई सबूत है तो देना चाहिए.” केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा, “कुंभ की घटना पर अखिलेश यादव चाहें जो कहें लेकिन कोई घटना को छिपा नहीं सकता. आज का युग सोशल मीडिया का युग है, हर हाथ में मोबाइल है, लोग हर घटना को मोबाइल में कैद करते हैं, और अब तक ऐसा कोई सबूत होता तो सामने नहीं आया, लिहाजा उनके आरोप सही नहीं है.”