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mahakumbh 2025 New demand amid name plate controversy will ID card have to be shown for entry in Prayagraj Mahakumbh 2025


Prayagraj Mahakumbh 2025: कांवड़ यात्रा के रास्तों पर नेम प्लेट जरूरी किए जाने का विवाद और बढ़ गया है. कांवड़ रूट के बाद अब प्रयागराज में लगने जा रहे महाकुंभ में भी पहचान पत्र अनिवार्य किए जाने की मांग की गई. साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में आने वाले सभी लोगों के पहचान पत्र साथ होने की मांग की.

अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक स्वामी हरि गिरि जी महाराज ने यह मांग उठाई. कहा कि सरकार यह आदेश जारी करे कि प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ मेले में आने वाले सभी लोग अपना पहचान पत्र साथ रख कर लाएं. उनके मुताबिक लोग सिर्फ पहचान पत्र ही ना लाएं, बल्कि उसकी कॉपी भी प्रमाणित करा कर लाएं.

महंत हरि गिरि के मुताबिक कई बार लोग फर्जी पहचान पत्र भी बनवा लेते हैं इसलिए आधार कार्ड – वोटर कार्ड या दूसरे पहचान पत्र की कापी को किसी गैजेटेड आफिसर, पार्षद, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव या किसी अन्य से प्रमाणित कराकर भी ले आए. 

मेला प्रशासन या फिर जिस भी संत महात्मा अथवा तीर्थ पुरोहित के यहां जाएं उसे पहले से पूरी सूची प्रमाणित पहचान पत्र की कॉपी के साथ भेजें ताकि जरूरत पड़ने पर उसका वेरिफिकेशन हो सके.

महंत हरि गिरि ने योगी सरकार और महाकुंभ प्रशासन से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था किए जाने की मांग की.  अखाड़ा परिषद के महामंत्री का कहना है कि इस बार का महाकुंभ चुनौतियों से भरा हुआ है.  देश दुनिया से तकरीबन 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.  तमाम लोग ऐसे हैं जो सनातन को लेकर हिंसक हो रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि आस्था के इस सबसे बड़े मेले में कोई गड़बड़ी न होने पाए और किसी तरह की हिंसा न होने पाए इस खातिर महाकुंभ में आने वाले हर किसी के लिए वेरीफाइड आईडी अनिवार्य की जाए.  उन्होंने कहा है कि इस बारे में जूना अखाड़े ने अपने यहां आने वाले सभी महामंडलेश्वरों, संत – महात्माओं को यह बता दिया है कि उनके यहां जो भी श्रद्धालु  आएं उनके नाम की लिस्ट और पहचान पत्र पहले ही मंगा लिए जाएं.

निरंजनी समेत तमाम दूसरे अखाड़ों से भी इस बारे में बातचीत की जा रही है. उनके मुताबिक आईडी इसलिए जरूरी है ताकि अगर कोई घटना होती है तो गलत करने वालों की पहचान हो जाएगी.  महाकुंभ में एक ही नाम के हजारों लोग आएंगे और सिर्फ नाम से कोई जानकारी नहीं हो पाएगी.  पहचान पत्र साथ होने से पिता का नाम और पता भी मिल जाएगा और दूसरे लोगों को भी कोई असुविधा नहीं होगी. 

आईडी की व्यवस्था महाकुंभ में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों, संत महात्माओ, कल्पवासियों और आम श्रद्धालुओं के लिए भी होनी चाहिए. उनके मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम पर भी दर्जनों लोगों ने फर्जी आईडी बनवा रखी है. 



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